- झांसी का मामला, सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने दर्ज किया केस

- तीनों नामजद आरोपितों के झांसी स्थित ठिकानों पर सीबीआई ने की छापेमारी

LUCKNOW : नोटबंदी के बाद साजिश रचकर 22 लाख रुपये के पुराने नोट बदलने और दस्तावेजों में हेराफेरी करने वाले झांसी के मुख्य डाकघर के तीन अफसरों के खिलाफ सीबीआई ने केस दर्ज किया है। सीबीआई की टीमों ने आज झांसी में उनके ठिकानों पर छापेमारी कर तमाम संदिग्ध दस्तावेज और नगदी बरामद की है। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में मुख्य डाकघर के चीफ ट्रेजरार पूरन लाल अहिरवार, डिप्टी पोस्ट मास्टर एके सांडिल्य और सिस्टम मैनेजर विजय सिंह को आरोपी बनाया है। सूत्रों की मानें तो सीबीआई ने तीनों के खिलाफ पुख्ता सुबूत भी एकत्र कर लिए हैं और जल्द ही उन्हें अरेस्ट कर सकती है।

डाकघर के रिकॉर्ड से की छेड़खानी

सीबीआई के मुताबिक तीनों ने आपसी साजिश रचकर 21.88 लाख रुपये के हजार और पांच सौ के पुराने नोट बदले और बाद में डाकघर में इससे संबंधित दस्तावेजों में छेड़खानी कर उन्हें बदल दिया। दरअसल नोटबंदी के दौरान तीनों अफसर मुख्य डाकघर के कैश के कस्टोडियन थे। नोटबंदी के ऐलान के बाद उन्होंने दस लाख रुपये की करेंसी को बदला और व्हाटनर की मदद से दस्तावेजों में इसे पुरानी जमा रकम दिखा दिया। इसके बाद 11 नवंबर को उन्होंने दोबारा 9.40 लाख रुपये के पुराने नोट बदले और इस रकम को आम खाताधारकों में वितरित करना दर्शा दिया। इसी तरह अगले दस दिन के दरम्यान उन्होंने 11.88 लाख रुपये की पुरानी करेंसी बदली और सिस्टम मैनेजर डाकघर के रिकार्ड को बदलता रहा। वहीं खुद को बचाने के लिए उन्होंने करीब तीस लाख रुपये के आधे-अधूरे करेंसी एक्सचेंज फार्म भरकर जमा करा दिए ताकि कोई उन पर शक न करे। सीबीआई की जांच में इसकी पुष्टि होने पर लखनऊ स्थित एंटी करप्शन ब्रांच ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली।