- डीजीपी के नए आदेश से पुलिस अधिकारियों में खौफ

- मुकदमों की बढ़ती संख्या के चलते उठाया कदम

-केस पेंडिंग रहने से लोगों को नहीं मिल रहा न्याय

आई एक्सक्लूसिव

मनोज बेदी

मेरठ : थानों में दर्ज मुकदमों की बढ़ती संख्या को देखते हुए डीजीपी ने एक महीने के भीतर 2015 तक के सभी मुकदमों की पेंडेंसी खत्म करने के निर्देश दिए है। यही कारण है कि पुलिस अधिकारियों में खलबली मची हुई है। मेरठ जिले में 2200 मुकदमें लंबित हैं।

क्या है मामला

डीजीपी सुलखान सिंह ने प्रदेश में बढ़ रहे मुकदमों की संख्या को देखते हुए हर जिले में लंबित पड़े मुकदमों को समाप्त करने के आदेश दिए है। उनका मानना है कि प्रत्येक जिलों में कई-कई सालों से मुकदमें पेंडिग में पड़े हुए है, जिसमें अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। अगर कार्रवाई हुई तो एक दो गिरफ्तारी करके ही मुकदमें को पेंडिंग छोड़ दिया गया या किसी मुकदमें की अभी तक जांच तक शुरू नहीं की गई, जिससे मुकदमों की पेंडेंसी बढ़ गई है। इससे लोगों को न्याय मिलने में देरी हो रही है। इसलिए 2015 से पहले सभी मुकदमों की पेंडेसी खत्म करने के आदेश किए है। पुलिस के मुताबिक ज्यादातर मुकदमों में डीएनए रिपोर्ट, फोरेसिंक जांच की रिपोर्ट, बिसरा रिपोर्ट आदि काफी देरी से आती है, जिस कारण पेंडेंसी बढ़ जाती है।

32 - थाने

2200 मुकदमें लंबित

260- आईओ कर रहे जांच

400- 2015 के बाद दर्ज है मुकदमें

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सभी थाना प्रभारियों को 2015 से पहले सभी लंबित पड़े मुकदमों की पेंडेंसी समाप्त करने के आदेश कर दिए गए है। इसलिए लिए सभी थाना प्रभारियों को सूचित कर दिया गया है।

-जे। रविंद्र गौड़

एसएसपी मेरठ