- अपने नाम और पिता के नाम में किया चेंज

- पते और बाकी जानकारियों को भी अलग-अलग भरा

- आसपास के स्कूलों से ही भर दिए अलग-अलग फॉर्म

- शिक्षक संघ ने इसे नकल माफिया का बताया खेल

- यूपी बार्ड एग्जाम के लिए नाम, पता और उम्र बदलकर दो स्कूलों से कराया रजिस्ट्रेशन

- इस बार रेगुलर फॉर्म भरने वाले स्टूडेंट्स के फॉर्म में सामने आ रही गड़बडि़यां

LUCKNOW :

यूपी बोर्ड एग्जाम 2019 में फर्जीवाड़ा करने वाले स्टूडेंट्स को पहचानने के लिए की गई तैयारियां रंग ला रही हैं। बोर्ड की ओर से प्राप्त सूचना के अनुसार राजधानी में अब तक करीब 22सौ के आसपास ऐसे स्टूडेंट्स की पहचान की गई है, जिन्होंने दो जगहों से एग्जाम फॉर्म भरा है। अब इन स्टूडेंट्स का एक फॉर्म रद किया जाएगा। माना जा रहा है कि यह सारा खेल नकल माफियाओं के सुनियोजित खेल का हिस्सा है।

मनचाहे सेंटर के लिए

इस बार यूपी बोर्ड एग्जाम में फर्जीवाड़ा करने वाले वालों ने इस बार एक नया तरीका निकाला है। उन्होंने बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स को दो-दो स्कूलों से फॉर्म भरवा दिया है। रेगुलर स्टूडेंट्स की संख्या इसमें प्राइवेट स्टूडेंट्स की तुलना में काफी अधिक है। इन स्टूडेंट्स ने अपना मनपसंद सेंटर लेने के लिए एक नहीं दो-दो स्कूलों से आवेदन कर दिया है। इन स्टूडेंट्स में अधिकतर ने आसपास के स्कूलों से आवेदन किया है, जिससे उन्हें मनचाहा सेंटर मिल सके और वह गलत तरीके से एग्जाम में अच्छे अंक हासिल कर सकें। यह सारा खुलासा बोर्ड की जांच के दौरान हुआ है।

ताकि पकड़ में न आएं

इस तरह का खेल करने वाले स्टूडेंट्स का रिकार्ड परिषद के पास आ गया है और परिषद ने ऐसे छात्रों की पूरी सूची क्षेत्रीय कार्यालय के पास भेज दी है। जहां इस पूरे मामले की जांच की जा रही है। शिक्षा विभाग के जानकारों का कहना है कि यह सारा फर्जीवाड़ा काफी सोच-समझकर किया गया है। दो-दो स्कूलों से फॉर्म भरने वाले छात्रों ने पकड़ में आने से बचने के लिए अपने नाम, पिता के नाम, घर के पते और कई अन्य जानकारियों में विभिन्नता की है। ताकि स्कैनिंग के दौरान यह न पता चले कि उन्होंने दो-दो स्कूलों से फार्म भरे हैं।

बाक्स

नया खेल आ रहा सामना

इस पूरे प्रकरण पर माध्यमिक शिक्षक संघ के डॉ। आरपी मिश्रा ने बताया कि नकल माफिया ने सख्ती के बाद यह नया तरीका निकाला है। वह बच्चों की डिटेल में थोड़ा अंतर कर देते हैं। जिस कारण स्कैनिंग के दौरान ये आसानी से पकड़ में नहीं आते हैं। ये एग्जाम में शामिल होते हैं और रिजल्ट आने के बाद नकल माफिया इनकी मार्कशीट में संशोधन कराने के लिए उसे बोर्ड के पास भेज देते हैं।

कोट

जांच में डबल फॉर्म भरने की पुष्टि हुई है। इनमें से एक फॉर्म जो बाद की डेट से भरा गया है। उसे रद किया जाएगा।

डॉ। मुकेश कुमार सिंह, डीआईओएस