राजकीय आयुर्वेद कॉलेज के डॉक्टर्स नगर निगम में नगर आयुक्त से मिले

BAREILLY:

थर्सडे को राजकीय आयुर्वेदिक हॉस्पिटल से अपनी जमीन का पजेशन लेने की कार्रवाई करने वाला नगर निगम फ्राइडे को नरम तेवर में आ गया। महज 24 घंटे के अंदर ही निगम ने हॉस्पिटल को राहत देते हुए इमारत से बाहर निकाला सामान वापस रखने और ओपीडी जारी रखने को जगह देने की मांग पर सहमति जता दी है। फ्राइडे

दोपहर राजकीय आयुर्वेद हॉस्पिटल व मेडिकल कॉलेज की प्राचार्या डॉ। प्रीती शर्मा व अन्य डॉक्टर्स ने नगर आयुक्त शीलधर सिंह यादव से मुलाकात की। डॉक्टर्स ने नई इमारत में शिफ्ट होने तक ओपीडी चलाने के लिए नगर आयुक्त से डेढ़ से दो महीने का समय देने की गुहार की, जिस पर नगर आयुक्त ने सहमति जताते हुए लिखित में मांग देने को कहा। वहीं फ्राइडे शाम हॉस्पिटल की बंद ओपीडी पर पड़े ताले खुल गए और सामान वापस रख दिया गया।

एफआईआर पर बैकफुट में

थर्सडे को मेयर व नगर आयुक्त की मौजूदगी में हॉस्पिटल से जमीन का कब्जा लेने की कार्रवाई के बाद डॉक्टर्स डीएम से मिले थे। डीएम के निर्देश पर कुछ डॉक्टर्स प्रेमनगर थाना पहुंचे और मेयर व नगर आयुक्त समेत अन्य के खिलाफ तहरीर दी। फ्राइडे को डॉक्टर्स का दल जब निगम पहुंचा तो नगर आयुक्त इस बात से भड़क गए। प्राचार्या से कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद कब्जा लेने को सरकारी कार्रवाई की गई। साथ ही दिक्कत को देखते हुए ही हॉस्पिटल के पिछले हिस्से में सामान रखने की मोहलत दी गई थी। इस पर डॉक्टर्स बैकफुट पर आ गए और एफआईआर कराए जाने के कदम को गलती माना

सिटी मजिस्ट्रेट ने की जांच

राजकीय आयुर्वेदिक हॉस्पिटल का सामान बाहर निकाले जाने और निगम के इमारत पर कब्जा लेने के मामले पर जिला प्रशासन की भी नजरें टेढ़ी हैं। थर्सडे को निगम की कार्रवाई के खिलाफ डॉक्टर्स को एफआईआर का भरोसा देने वाले डीएम पंकज यादव ने इस मामले की पड़ताल शुरू करा दी है। फ्राइडे को डीएम के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट मनोज कुमार निगम पहुंचे और जमीन से जुड़े दस्तावेज और हाईकोर्ट के आदेश देखे। इस दौरान हॉस्पिटल का पक्ष भी सुना गया। दस्तावेजों से साफ हुआ कि जमीन का दान धर्मदत्त ट्रस्ट ने किया था, न कि सरकार ने जमीन मुहैया कराई। वहीं हॉस्पिटल बनने के बाद 1972 में शासन से डॉक्टर्स व स्टाफ की नियुक्ति की गई।