-ट्रांसमिशन लाइन दुरुस्त करने में जुटी झारखंड सरकार

-अगले 10 साल को लक्ष्य कर तैयार किया जा रहा प्रपोजल

RANCHI: पावर फॉर ऑल योजना के तहत झारखंड सरकार लोगों को ख्ब् घंटे बिजली देने के लिए तेजी से काम कर रही है। इसके लिए झारखंड में ट्रांसमिशन लाइन सुधारने के लिए सरकार एक प्रपोजल तैयार कर रही है। इसके तहत अगले क्0 सालों में कैसे ट्रांसमिशन लाइन दुरुस्त की जाए, ताकि लाइन लॉस कम हो। इस पर काम किया जा रहा है। क्योंकि लाइन लॉस के कारण ही बिजली की सप्लाई होने के बावजूद जनता को पूरी बिजली नहीं मिल पा रही है।

लाइन लॉस बड़ा संकट

झारखंड में संचरण लाइन मजबूत नहीं रहने की वजह से बिजली का लाइन लॉस बहुत अधिक हो रहा है। राज्य में बिजली का अपना प्रोडक्शन व कोटा के साथ ही दूसरे स्रोत से भी जो बिजली मिल रही है। उसका बड़ा हिस्सा लाइन लॉस के कारण ही बर्बाद हो रहा है।

बढ़ेगी और डिमांड

आने वाले दस सालों में राज्य में कंज्यूमर्स बढ़ेंगे। इससे बिजली की डिमांड भी बढ़ेगी। लेकिन पावर सप्लाई के लिए संचरण लाइन पर भी प्रभाव पड़ेगा। क्योंकि राज्य में संचरण लाइन की स्थिति अच्छी नहीं है। इसलिए सरकार आने वाले क्0 साल को लेकर प्रोजेक्ट बना रही है। उस पर काम भी कर रही है।

पॉपुलेशन बेस्ड बनेगा ग्रिड

झारखंड सरकार इस योजना पर काम कर रही है कि दस साल में संचरण लाइन को मजबूत कर दिया जाए, इसके लिए प्रमंडल स्तर से लेकर जिला और सब डिविजन तक में ग्रिड बनाया जाएगा। यहां बनने वाला ग्रिड जनसंख्या के आधार पर होगा। प्रमंडल लेवल पर ब्00-ख्00 केवीए का ग्रिड बनेगा। वहीं, जिला लेवल पर ख्ख्ख्-क्फ्ख् व सब डिविजन में क्फ्ख्-फ्फ् केवीए पावर का ग्रिड बनेगा।

क्0 हजार करोड़ होगा इनवेस्ट

आने वाले दस सालों में सरकार संचरण लाइन पर दस हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। इसके लिए सरकार अलग-अलग तैयारी कर रही है। इसमें कुछ ग्रिड सरकार लोन लेकर खुद से बनाएगी। वहीं, कुछ ग्रिड पीपीपी मोड पर बनेंगे और कुछ ग्रिड ज्वाइंट वेंचर पर भी बनाने की योजना है।

ये होंगे फायदे

झारखंड ऊर्जा विकास निगम के पास कई इलाके में अपना ग्रिड नहीं है। इस कारण दूसरे पर निर्भरता है। राज्य के कोडरमा, हजारीबाग, गिरिडीह, धनबाद में अब तक डीवीसी के ही ग्रिड थे, वहां झारखंड सरकार का अपना ग्रिड नहीं है। इस कारण उन पर निर्भर रहना पड़ रहा है। लेकिन अब संचरण विभाग वहां अपना नेटवर्क तैयार करेगा। इसके माध्यम से भविष्य में हाइ वोल्टेज उपभोक्ताओं के साथ-साथ घरेलू उपभोक्ताओं को भी बिजली की आपूर्ति की जा सकेगी।