-अक्टूबर, 2016 से 24 घंटे पॉवर सप्लाई की चल रही हैं केस्को में तैयारियां

KANPUR: सिटी का पॉवर सप्लाई सिस्टम हजारों जर्जर इलेक्ट्रिसिटी पोल पर टिका हुआ है। सैकड़ों किलोमीटर इलेक्ट्रिसिटी लाइन भी खस्ताहाल है। केस्को इंजीनियर्स को भी नहीं मालूम कब ये पोल गिर जाएंगे या फिर कब इलेक्ट्रिसिटी लाइन टूट जाएगी। इन जर्जर इलेक्ट्रिसिटी पोल व इलेक्ट्रिसिटी लाइनों को बदले बिना ख्ब् घंटे पॉवर सप्लाई दे पाना केस्को के लिए नामुमकिन है। चाहे वह कितने ही नए सबस्टेशन बना ले या फिर सबस्टेशन की क्षमतावृद्धि कर ले।

सबसे अधिक फूलबाग में

सबसे अधिक ब्08 जर्जर इलेक्ट्रिसिटी पोल फूलबाग डिवीजन में है। जिसमें सिविल लाइन्स, मालरोड, बिरहाना रोड, नयागंज, एक्सप्रेस रोड, घंटाघर, कैंट आदि मोहल्ले शामिल है। इनमें केवल एलटी पोल ही हाईटेंशन इलेक्ट्रिसिटी लाइन के ब्फ् पोल भी शामिल है। यानि कि एक पोल टूट जाए तो एक साथ हजारों घर अन्धेरे में डूब जाएंगें। दूसरे नम्बर पर जर्जर इलेक्ट्रिसिटी पोल नौबस्ता डिवीजन में है। जिनकी संख्या ख्9भ् है। ये किदवई नगर, बसन्त विहार, केशव नगर, साकेत नगर, पशुपति नगर, आदि मोहल्लों में हैं। कल्याणपुर, विकास नगर और बिजली घर डिवीजन में जर्जर इलेक्ट्रिसिटी पोल्स की संख्या क्म्0 से क्80 के बीच है। अक्सर इलेक्ट्रिसिटी पोल टूटा करते है, जिनकी वजह से घंटों बिजली गुल रहती है और लोग पॉवर क्राइसिस से जूझते रहते है।

हर इलाके की लाइन जर्जर

इलेक्ट्रिसिटी पोल्स की तरह शहर में जर्जर इलेक्ट्रिसिटी लाइन का भी संजाल बिछा हुआ है। केस्को के डेटा के मुताबिक भ्फ्9 किलोमीटर जर्जर कंडक्टर व केबिल बिछी हुई है। जो हर रोज टूटा करती है और बिजली संकट की वजह साबित होती है। सबसे अधिक

म्0 किलोमीटर इलेक्ट्रिसिटी लाइन व कंडक्टर कल्याणपुर डिवीजन में है। इस डिवीजन में आवास विकास कल्याणपुर, महाबलीपुरम, अम्बेडकरपुरम, कल्याणपुर आदि एरिया शामिल है। वहीं ब्8 किलोमीटर जर्जर इलेक्ट्रिसिटी लाइन व केबिल जरीबचौकी डिवीजन में है। जहां से पीरोड लेनिन पार्क, चमनगंज, गांधी नगर, प्रेम नगर, श्रीनगर आदि मोहल्लों में पॉवर सप्लाई होती है। कमोवेश गोविन्द नगर, किदवई नगर, सर्वोदय नगर में जर्जर इलेक्ट्रिसिटी लाइन, केबिल कम नहीं है। केस्को इंजीनियर के मुताबिक इन डिवीजनो में भी ब्0 से भ्0 किलोमीटर तक कंडक्टर व केबिल जर्जर है। सबसे अधिक मुसीबत खस्ताहाल अंडरग्राउंड केबिल साबित होती है। एक बार अगर फाल्ट हो गया तो बनाने में ख्ब् घंटे तक लग जाते है। भीषण गर्मी में तो अंडरग्राउंड केबिल फाल्ट के कारण एक साथ सर्वोदय नगर व आरटीओ सबस्टेशन ख्ब् घंटे से भी अधिक समय तक ठप रहे थे। जिससे गुस्साए लोग तोड़फोड़ और आगजनी पर भी अमादा हो गए थे।

एबीसी भी हो गई बेकार

वीजल व डाग कंडक्टर ही नहीं बिजली चोरी रोकने के लिए बिछाए गए एरियल बंच कंडक्टर तक खराब हो गया है। केस्को से मिले डेटा के मुताबिक ब्क्7 किलोमीटर एरियल बंच कंडक्टर बदलने लायक हो चुका है। अब ये बिजली चोरी रोकने के लायक नहीं रह गया है, बल्कि बिजली संकट की वजह साबित हो रहा है।

फ्0 करोड़ से अधिक

केस्को ऑफिसर्स अभी तक विभिन्न मोहल्लों में स्थित ख्ख्8ख् पोल, भ्फ्9 किलोमीटर खस्ताहाल केबिल व कंडक्टर और ब्क्7 किलोमीटर लंबी एरियल बंच कंडक्टर ही चिन्हि्त कर पाए हैं। केस्को इम्प्लाइज की मानें तो ये संख्या और भी अधिक है। केवल इन्हीं जर्जर इलेक्ट्रिसिटी पोल, कंडक्टर, केबिल को बदलने के लिए ही फ्0 करोड़ से अधिक रुपए की जरूरत पड़ेगी।

नए सबस्टेशन, नए ट्रांसफॉर्मर पर ध्यान

अक्टूबर ख्0क्म् से ख्ब् घंटे पॉवर सप्लाई के लिए जरूरी उपायों के शासन के फरमान के बाद केस्को ऑफिसर्स का पूरा ध्यान नए सबस्टेशन, नए ट्रांसफॉर्मर पर भी है। सैटरडे को ही हुई मीटिंग में इन जर्जर पोल व इलेक्ट्रिसिटी लाइनों को बदलने को लेकर कोई खास चर्चा नहीं हुई। जानकारों को कहना है कि सबस्टेशनों को जाने वाली लाइन, केबिल और पोल ही जर्जर रहेगी तो ख्ब् घंटे लोगो को कैसे बिजली मिल पाएगी।

'जर्जर पोल व इलेक्ट्रिसिटी लाइन बदली जा रही है। ख्ब् घंटे पॉवर सप्लाई के लिए सभी जरूरी उपायों के प्रपोजल में भी इन्हें शामिल किया जाएगा.' - आरडी पांडेय, केस्को ऑफिसर

डिवीजन- जर्जर पोल- जर्जर कंडक्टर, केबिल

नौबस्ता- क्0फ्- फ्फ् किमी।

आलूमंडी- 70- ख्फ् किमी।

जरीबचौकी- म्क्- ब्8 किमी।

बिजलीघर परेड- क्77- फ्म् किमी।

फूलबाग- ब्08- ब्ब् किमी।

गुमटी- 87- फ्फ् किमी।

रतनपुर- भ्क्- ख्ब् किमी।

दादानगर- 7- क्ख् किमी।

गोविन्द नगर- 78- ब्भ् किमी।

व‌र्ल्ड बैंक बर्रा- क्0फ्- भ् किमी।

किदवई नगर- 78- ब्ब् किमी।

जाजमऊ- क्ख्क्- 00

हैरिसगंज- क्फ्0- क्0 किमी।

नौबस्ता- ख्9भ्- ख्7 किमी।

दहेली सुजानपुर- फ्ख्- फ्म् किमी।

कल्याणपुर- क्78- म्0 किमी।

विकास नगर- क्म्0- ख्म् किमी।

सर्वोदय नगर- क्फ्फ्- ब्फ् किमी।

टोटल- ख्ख्8ख्- भ्फ्9 किमी।