क्या है पूरा मामला

मलपुरा के खेड़ा भागौर में ट्यूसडे को नत्थु राम पचौरी के पिता माता प्रसाद उर्फ मंतू पचौरी की डेथ हो गई थी, इसका खाना मंडे को बनाया गया था। इस तेरहवीं में खेड़ा भागौर के अलावा आसपास के गांवों से भी लोग आए हुए थे। तेरहवीं में पुए बनाए गए थे। दूसरे दिन यह पुए पूरे गांव में बांटे गए। पुए खाने वालों को लूज मोशंस होने शुरु हो गए। पहले गांववालों ने अपने गांव के झोलाछाप से इलाज कराया, लेकिन आराम नहीं मिला।

सभी पहुंचे शहर इलाज कराने

जब गांव में इलाज से आराम नहीं मिला तो गांववालों ने शहर की दौड़ लगाई। फ्राइडे सुबह गांववालों ने सीएमओ कार्यालय में फोन करके घटना की जानकारी दी। जानकारी मिलने का बाद एंबुलेंस उन्हें जिला अस्पताल लेकर आई। फ्राइडे को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में 100 के आसपास लोग इलाज के लिए पहुंचे, कुछ लोग प्राइवेट हॉस्पिटल मेंं और कुछ गांव में ही सीएचसी पर इलाज कराने के लिए रुक गए। इलाज के लिए आए होती राम ने बताया कि लगभग 250 लोग इन पुओं के कारण बीमार हुए हैैं।

टीम भेजी गांव में

प्रशासन ने गांव वालों के इलाज के लिए दो टीमें भेजी हैैं, सीएचसी पर भी इलाज के लिए एक्सट्रा इंतजाम किए गए हैैं.बीमारों में महिलाओं और बच्चों की संख्या काफी है। जिला अस्पताल में भर्ती पेशेंट्स में से दो लोगों की हालत काफी गंभीर थी। शाम को कई पेशेंट्स को डिस्चार्ज कर दिया गया था। पेशेंट्स का इलाज डॉ.बीके गुप्ता, डॉ। अतुल सारस्वत, डॉ। खेमचंद ने किया।

दवा पड़ गई कम

एक साथ इतने मरीजों के आने से डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में दवाओं की एकदम से कमी हो गई। आनन-फानन में स्टोर से दवाएं मंगवाई गईं और इलाज शुरू कराया गया।

डॉ। एसपी यादव, अपर मंडलीय निदेशक

गांववालों की तबीयत बासी खाने की वजह से हुई है, सभी का इलाज किया जा रहा है.सीएचसी में भी गांववालों को प्रॉपर इलाज दिया जा रहा है।