- गोरखपुर रीजन से प्रयागराज भेजी गई 55 नई बसें
- हर बस पर दो ड्राइवर और दो कंडक्टर्स की लगी ड्यूटी
- 110 ड्राइवर्स और कंडक्टर्स के जाने से गोरखपुर रीजन में खड़ी हुईं कई बसें
GORAKHPUR: कुंभ का इंतजाम दुरुस्त करने में गोरखपुर परिवहन निगम की व्यवस्था ही बिगड़ने लगी है। वर्षो से यहां ड्राइवर्स और कंडक्टर्स की कमी परिवहन निगम को भारी पड़ती रही है। ऐसे में गोरखपुर परिवहन निगम के 110 ड्राइवर्स और कंडक्टर्स की ड्यूटी प्रयागराज में लगाए जाने से गोरखपुर सिटी के दो डिपो की लगभग 26 बसों के पहिए थम गए हैं। वहीं रीजन में पड़ने वाले आठ डिपो की बात करें तो खड़ी रहने वाली बसों की संख्या और ज्यादा ही होगी। इससे रोडवेज को तो लाखों रुपए की चपत लग ही रही है, बसों की कमी से पैसेंजर्स को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
शासन ने झोंकी ताकत
प्रयागराज में लगने वाले कुंभ मेले को ऐतिहासिक बनाने के लिए शासन ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है। प्रयागराज में श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो इसके लिए परिवहन के भी बेहतर इंतजाम किए गए हैं। प्रदेश के हर जिले से रोडवेज बस से लेकर ट्रेंड ड्राइवर और कंडक्टर्स की ड्यूटी प्रयागराज में लगाई गई है। इसी क्रम में गोरखपुर रीजन को भी मिली नई 55 ऑरेंज कलर की बसों को कुंभ में लोकल सेवा के रूप में लगाया गया है। जिसपर गोरखपुर के पुराने और ट्रेंड ड्राइवर्स और कंडक्टर्स को ही लगाया गया है। इससे प्रयागराज की व्यवस्था तो दुरुस्त हो गई है लेकिन गोरखपुर रीजन के जिम्मेदार बसों का संचालन कराने में बेबस नजर आ रहे हैं।
लगेगी लाखों की चपत
परिवहन निगम की एक बस एक माह में लगभग 10 लाख रुपए की कमाई करती है। वहीं अगर सिटी के बस अड्डों की 26 बसों की कमाई की बात करें तो एक माह में करोड़ों रुपए आएंगे जिसकी चपत ड्राइवर्स और कंडक्टर्स की कमी होने से लगना तय है। कुंभ में गए कर्मचारियों का तीन महीने से पहले लौट पाना मुश्किल है। वहीं तमाम तरीके लगाकर काफी समय से गोरखपुर परिवहन निगम ड्राइवर खोज रहा है जिसके बाद भी उसे निराशा हाथ लग रही है। इस हालत में रोडवेज का घाटा होना होना तय माना जा रहा है।
आरटीओ में भी देते टैक्स
रोडवेज प्रशासन बसों का हर महीने लगभग 98 लाख रुपया आरटीओ विभाग में रोड टैक्स जमा करता है। अब गाडि़यां खड़ी होने से ये टैक्स रोडवेज प्रशासन के ऊपर एक्स्ट्रा बोझ बढ़ाएगा।
फैक्ट फिगर
गोरखपुर रीजन में डिपो - 8
गोरखपुर रीजन में बसें - 750
एक माह में एक बस की कमाई - 10 लाख रुपए
हर महीने आरटीओ में जमा होता टैक्स - 98 लाख रुपए
रेग्युलर ड्राइवर्स - 419
संविदा ड्राइवर्स - 592
ड्राइवर्स की कमी - 101
वर्जन
गोरखपुर बस अड्डे पर करीब 16 बसें ड्राइवर्स की कमी से खड़ी हो गई हैं जिनको चलवाने का प्रयास किया जा रहा है।
- केके तिवारी, एआरएम
राप्ती नगर डिपो में 10 बसें खड़ी हो गई हैं। इन बसों को रुटीन के हिसाब से चलाया जा रहा है।
- मुकेश कुमार, एआरएम