पांचवीं जेपीएससी नियुक्ति पर लगी रोक हटी

--हाईकोर्ट को नियुक्ति में नहीं मिली कोई गड़बड़ी

-नौ सेवाओं में 269 अभ्यर्थियों की हो सकेगी नियुक्ति

-कई अनियमितताओं को लेकर दायर थी जनहित याचिका

-दिव्यांगों को छठी जेपीएससी से मिलेगा नियम के अनुसार रिजर्वेशन

रांची : झारखंड हाईकोर्ट ने झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित पांचवीं सिविल सेवा परीक्षा में अनुशंसित अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर लगी रोक वापस ले ली है। इससे राज्य प्रशासनिक सेवा तथा पुलिस सेवा सहित नौ सेवाओं के लिए अनुशंसित 269 अभ्यर्थियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया। इस कारण अब छठी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के आयोजन का भी रास्ता साफ हो गया है।

झारखंड हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के क्रम में पांचवीं जेपीएससी से अनुशंसित अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। सुनवाई पूरी होने के बाद शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश वीरेंदर सिंह और न्यायमूर्ति एस चंद्रशेखर की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि चौथी और पांचवीं सिविल सेवा परीक्षा के दौरान दिव्यांग अभ्यर्थियों को नियमानुसार आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया था। ऐसे अभ्यर्थियों के लिए छठी जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में उम्र सीमा में छूट और नियमानुसार आरक्षण का लाभ दिया जाए।

निष्पक्ष एजेंसी से जांच की थी मांग

पीके सिद्धार्थ ने जनहित याचिका दायर कर पांचवीं सिविल सेवा परीक्षा में बड़े पैमाने पर अनियमितता का आरोप लगाते हुए इसकी जांच किसी निष्पक्ष एजेंसी से कराने की मांग की थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया गया था कि मुख्य परीक्षा में 520 अभ्यर्थियों को सिर्फ इस कारण शामिल नहीं होने दिया गया था क्योंकि उनकी ओएमआर शीट में तकनीकी गड़बडि़यां थीं। इस पर अदालत ने जेपीएससी से सभी अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट वेबसाइट पर डालने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश पर आयोग ने ऐसे सभी अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट वेबसाइट पर जारी की। इस क्रम में अदालत को पूरे मामले में कुछ खास गड़बड़ी नहीं मिली। इस कारण अदालत ने याचिका निष्पादित कर दी और पूर्व में लगी रोक हटाने का आदेश दिया।

जेपीएससी ने फरवरी में भेजी थी अनुशंसा

जेपीएससी द्वारा 272 पदों के लिए आयोजित इस परीक्षा में 269 अभ्यर्थी अंतिम रूप से चयनित हुए थे। दिव्यांगों के तीन पद रिक्त रह गए थे। आयोग ने विगत तीन नवंबर को मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी किया था, जिसमें 824 अभ्यर्थी उत्तीर्ण घोषित किए गए थे। आयोग कार्यालय में एक से 16 दिसंबर 2015 तक साक्षात्कार हुआ था। आयोग ने 21 फरवरी को इस परीक्षा का अंतिम परिणाम जारी किया था और उसी समय संबंधित विभागों को नियुक्तिकी अनुशंसा भेज दी थी। श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग ने श्रम सेवा के लिए अनुशंसित अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र भी जांच लिया था। इसी क्रम में हाईकोर्ट ने नियुक्ति पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी थी। विभिन्न कारणों से इस परीक्षा के पूरे होने में लगभग ढाई वर्ष लग गए।

किस सेवा में कितनी नियुक्ति

झारखंड प्रशासनिक सेवा : 90

झारखंड पुलिस सेवा : 36

झारखंड वित्त सेवा : 36

झारखंड जेल सेवा : 09

झारखंड श्रम सेवा : 20

झारखंड प्रोवेशन सेवा : 29

झारखंड उत्पाद सेवा : 08

झारखंड नियोजन सेवा : 26

झारखंड सामाजिक सुरक्षा सेवा : 15