- 30 फीसद कटेंगे नंबर, जल्द ही डिक्लेयर होंगे रिजल्ट

- यूएफएम में शामिल 728 स्टूडेंट्स को किया जाएगा फेल

-कुछ सेंसेटिव केसेज में नेक्स्ट इयर एग्जाम में भी नहीं बैठ सकेंगे स्टूडेंट्स

GORAKHPUR : डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी के एनुअल एग्जाम ख्0क्ब् में एग्जाम की शुचिता को भंग करने वाले कॉलेजेज पर गाज गिरनी तय है। आरोपी कॉलेजेज की जांच के बाद ख्8 कालेजेज पर सामूहिक नकल होने की पुष्टि हुई है, जबकि 7ख्8 स्टूडेंट्स अनुचित साधनों का प्रयोग करने के दोषी पाए गए हैं। वेंस्डे को यूनिवर्सिटी में ऑर्गेनाइज हुई एग्जामिनेशन कमेटी की मीटिंग में ऐसे सभी मामलों को सॉर्ट आउट करते हुए यूनिवर्सिटी ने इन पर कार्रवाई की तैयारी कर ली है।

80 कॉलेजेज के खिलाफ हुई थी शिकायत

एग्जामिनेशन कंट्रोलर अखिलेश पाल ने बताया कि एग्जाम के दौरान कुल 80 कालेजेज के खिलाफ मास कॉपिंग की शिकायत और रिपोर्ट मिली थी। इसके साथ ही एग्जाम के दौरान अनफेयर मीन्स से एग्जाम देते 877 स्टूडेंट्स को पकड़ा गया था। दोनों ही तरह के मामले में पाए गए दोषियों के खिलाफ यूनिवर्सिटी ने एक्शन लेने का फैसला किया है। वहीं दोषमुक्त हुए कालेजेज और स्टूडेंट्स के रिजल्ट जल्द ही डिक्लेयर कर दिए जाएंगे।

फ्0 परसेंट मा‌र्क्स कटकर डिक्लेयर होंगे रिजल्ट

कॉलेजेज के खिलाफ किसी पेपर के दौरान मास कॉपिंग होने की पुष्टि हुई है, संबंधित पेपर में स्टूडेंट्स को फ्0 परसेंट मा‌र्क्स काटकर उनके रिजल्ट डिक्लेयर किए जाएंगे। वहीं अनफेयर मीन्स का इस्तेमाल करते पकड़े गए स्टूडेंट्स के खिलाफ यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने कड़ी कार्रवाई करने का डिसीजन लिया है। इसमें शामिल स्टूडेंट्स में से मैक्सिमम स्टूडेंट्स को इस सेशन में फेल कर दिया जाएगा, जबकि कुछ सेंसिटिव केसेज में मामले की गंभीरता के आधार पर स्टूडेंट्स को ख्0क्भ् के एग्जाम में भी नहीं बैठने दिया जाएगा।

बीएड मामले में भी कड़ा रुख

एक तरफ जहां यूनिवर्सिटी ने मास कॉपिंग और यूएफएम को लेकर कड़ा रुख अपनाया है, वहीं बीएड मामले में भी उन्होंने स्टूडेंट्स को राहत नहीं दी है। एग्जामिनेशन कंट्रोलर ने बताया कि बीएड सेशन ख्0क्फ्-क्ब् के एग्जाम तो सभी साथ होंगे, लेकिन इसमें भी सिर्फ उन स्टूडेंट्स के रिजल्ट डिक्लेयर किए जाएंगे, जो स्टूडेंट्स काउंसिलिंग के थ्रू शामिल हुए हैं। वहीं ख्00भ्-0म् मामले में ख्7 कॉलेज ने डॉक्युमेंट्स मुहैया करा दिए हैं, इनकी स्कैनिंग की जा रही है। इसमें भी काउंसिलिंग के थ्रू शामिल होने वाले कैंडिडेट्स को ही राहत मिल सकेगी।