RANCHI : राज्य महिला आयोग द्वारा गुरूवार को महिला उत्पीड़न और शिकायतों के निपटारे के लिए जन सुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान 28 महिलाओं ने आयोग के समक्ष अपना दर्द बयां किया। इनमें ज्यादातर मामले पारिवारिक विवाद, यौन उत्पीड़न व घरेलू हिंसा से जुड़े थे। महिला आयोग की अध्यक्ष महुआ माजी ने कहा कि पारिवारिक विवादों को सुलझाने में कई तरह की अड़चनें आती हैं, लेकिन आयोग की कोशिश होती है कि पीडि़ता को त्वरित न्याय दिलाया जा सके।

तीन महीने का है बच्चा, साथ रखने को राजी नहीं प्रेमी

पिस्का नगरी की आरती (काल्पनिक नाम) ने बताया कि उसका अपनी बहन के देवर से लव अफेयर था। वह लंबे समय तक शादी करने का झांसा देकर यौन शोषण करता रहा। उससे अब तीन महीने का बच्चा भी है, लेकिन वह अब अपने साथ रखने को राजी नहीं है। इसे लेकर गांव में पंचायत भी बैठी, पर वह किसी की बात मानने को तैयार नहीं हुआ। ऐसे में आयोग में अपना दर्द बताने के लिए आना पड़ा है।

पति से दिलाएं मेंटनेंस

जमशेदपुर की पुष्पा देवी (काल्पनिक नाम) अपने पति की शिकायत लेकर आयोग आई थीं। उन्होंने बताया कि पति उनसे अलग रहते हैं। उन्होने दूसरी औरत को अपने साथ रखा है। पिछले दस सालों से वे किसी तरह की सहायता नहीं कर रहे हैं। पुष्पा ने आयोग से गुहार लगाई कि उन्हें उनके पति से मेंटनेंस दिलाने की पहल करें।

ससुराल वालों ने घर से निकाला

फुलकुमारी (काल्पनिक नाम) ने आयोग को बताया कि उसकी शादी 2009 में हुई थी। लेकिन, शादी के बाद से ही ससुराल में प्रताडि़त किया जा रहा है। नशे में पति मारपीट करता है। पिछले रविवार को ससुराल वालों ने घर से निकाल दिया। घरेलू स्तर पर मामला सुलझाने की कोशिश हुई, पर कोई फायदा नहीं हुआ। ऐसे में ससुराल वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की उन्होंने मांग की।