इन सभी पर धारा 409 के तहत आपराधिक विश्वासघात और धारा 120बी के तहत आपराधिक षडयंत्र के आरोप लगाए गए हैं। धारा 409 के तहत दोषी पाए जाने पर अधिकतम सज़ा उम्रकैद होती है। धारा 409 किसी सरकारी मुलाज़िम के द्वारा आपराधिक विश्वासघात के मामले में लगाई जाती है।

सीबीआई के विशेष जज ओ पी सैनी ने 700 पन्नों के अपने आदेश में आरोपियों पर धोखाधड़ी, घूस लेने और सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप भी लगाए हैं। ए राजा और कनिमोड़ी पर भ्रष्टाचार का आरोप भी तय किया गया है। शाहिद बलवा और करीम मोरानी पर सबूतों की छेड़छाड़ का आरोप भी तय किया गया है।

सुनवाई

आरोप पत्र दायर होने के बाद अदालत ने इस मामले की सुनवाई शुरू करने के लिए 11 नवंबर की तारीख़ तय की है। 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले के मामले के 17 आरोपियों में 14 व्यक्ति और तीन कंपनियां (रिलायंस टेलिकॉम, स्वान टेलिकॉम, यूनिटेक) शामिल हैं।

आरोपियों में पूर्व दूरसंचार मंत्री, ए राजा और डीएमके सांसद कनीमोड़ी के अलावा राजा के पूर्व निजी सचिव आरके चंदौलिया, पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्दार्थ बेहुरा, डीएमके के कलईनार टीवी के शरद कुमार, बॉलिवुड फिल्मकार करीम मोरानी शामिल हैं।

इनके अलावा रिलायंस अनिल धीरुबाई अंबानी ग्रुप के गौतम दोशी, हरि नायर और सुरेन्द्र पिपारी, स्वॉन टेलिकॉम के शाहिद बलवा, आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल, यूनिटेक के संजय चन्द्रा और डीबी रियाल्टी के विनोद गोइन्का भी टूजी मामले में आरोपी हैं।

इनमें से राजा, बेहुरा और चंदौलिया पर आपराधिक विश्वासघात और बाकि 14 आरोपियों पर आपराधिक विश्वासघात के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है।

शाहिद बलवा के वकील, माजिद मेमेन ने कहा कि, “आरोप पत्र दाखिल होने के बाद अब सभी आरोपी ज़मानत के लिए अर्ज़ी लगा सकते हैं”। अबतक पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा ने ज़मानत के लिए एक बार भी अर्ज़ी नहीं दायर की है।

इस मामले में सीबीआई ने सात महीने पहले अपनी पहली चार्जशीट दाखिल की थी और पिछले दो महीनों से सीबीआई की विशेष अदालत में इस पर रोज़ाना बहस हो रही थी।

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