- यूपी के सबसे बड़े बकाएदारों की लिस्ट में 3 गोरखपुर से

- हो जाए वसूली तो खरीद सकते हैं 40 दिन की बिजली

saurabh.upadhyay@inext.co.in

GORAKHPUR : गोरखपुर ने एक नया 'मुकाम' हासिल किया है। यह ऐसा मुकाम नहींहै जिस पर हम गौरवांवित हों। इस पर शर्म आनी चाहिए। इलेक्ट्रिसिटी कॉर्पोरेशन के बकाएदारों की लिस्ट में यूपी से फ् नाम शामिल हैं। जी, चौंकिए नहीं। हम मजाक नहीं कर रहे। आखिर करोड़ों का बिजली बिल बकाया रखना कोई आसान काम नहीं। कॉर्पोरेशन का कहना है कि पब्लिक बकाया चुकाए तो वो बिजली दें। वहीं कंज्यूमर्स को गर्मी में भी कटौती से राहत नहीं मिल रही तो वे कॉर्पोरेशन को कोस रहे हैं। दूसरी तरफ बकाएदारों और कॉर्पोरेशन के बीच चूहे-बिल्ली का खेल चल रहा है। सिटी के कंज्यूमर्स पर कॉर्पोरेशन का लगभग क् अरब रुपए बकाया हैं, इसकी आधी रकम आधा हिस्सा गिने-चुने कंज्यूमर्स की है। इलेक्ट्रिसिटी कॉरर्पोशन की मानें तो अगर यह रकम मिल जाए तो सिटी के लिए ब्0 दिन से ज्यादा की बिजली खरीदी जा सकती है।

ये हैं गोरखपुर के सबसे बड़े बकाएदार

यूपी के सबसे बड़े बकाएदारों की लिस्ट में गोरखपुर के तीन कंज्यूमर्स भी शामिल हैं। इन तीनों पर करीब फ्भ् करोड़ 8ख् लाख रुपए का बिजली बिल बकाया है। इनमें मेसर्स जालान कनकास्ट लिमिटेड, नकहा पर सबसे अधिक ख्8.7ब् करोड़ रुपए बकाया है। मेसर्स गोविंद मिल्स, बरगदवां पर भ् करोड़ क्0 लाख रुपए और मेसर्स गैलेंट इस्पात, गीडा पर क् करोड़ 98 लाख रुपए का बिजली बिल बकाया है। इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट के एक एसडीओ ने बताया कि सिटी को सप्लाई करने के लिए महीने भर में ख्8 करोड़ रुपए की बिजली खरीदी जाती है। अगर बकाया ही वसूल लिया जाए तो इस हिसाब से सिटी को क् महीने क्0 दिन की बिजली खरीदी जा सकती है।

ज्यादा बिल पर लेते हैं कानून का सहारा

सिटी में कंज्यूमर्स पर लगभग क् अरब रुपए का बिजली बिल बकाया है। इनमें से भ्0 लाख रुपए से ज्यादा वाले बकाएदारों पर करीब 7ख् करोड़ रुपए का बिल बाकी है। इनसे वसूली के लिए हर बार इलेक्ट्रिसिटी कॉर्पोरेशन नोटिस देता है जिसके बाद कुछ बिल जमा कर देते हैं, बाकियों का नाम फिर बकाएदारों की लिस्ट में जुड़ जाता है। एक्सईएन एके सिंह ने बताया कि सिटी में दो तरह के बकाएदार हैं। एक ओर तो छोटे बकाएदार हैं, जो लाइट कटने के बाद बिल चुका देते हैं। दूसरी तरफ बड़े बकाएदार पेमेंट नहीं करते हैं। ज्यादातर बड़े बकाएदारों का पेमेंट कानूनी दावपेंच में उलझा हुआ है। कनेक्शन तो ले लिया जाता है, पर जब ज्यादा बिल आने लगता है तो कनेक्शन होल्डर कोर्ट चले जाते हैं। ऐसे में कॉर्पोरेशन कुछ नहीं कर पाता है। इससे बिल तो बढ़ता ही है, कानूनी कार्रवाई में एक्स्ट्रा पैसा भी खर्च होता है।

सिटी में बकाएदारों की बहुत लंबी लिस्ट है। उन्हीं से वसूली के लिए अभियान चलाया जा रहा है। जो भी बकाएदार हैं, उनसे बिल वसूलना हमारी प्राथमिकता में हैं। बड़े बकाएदारों को बिल जमा करने के लिए बाध्य किया जाएगा।

एसपी पांडेय,

चीफ इंजीनियर, गोरखपुर जोन

अगर मिल जाए बकाया तो

-सिटी के लिए ब्0 दिन तक की बिजली सप्लाई की जा सकती है।

शॉकिंग फैक्ट

-सिटी के कंज्यूमर्स पर बकाया हैं क्00 करोड़ रुपए

-भ्0 लाख रुपए से ज्यादा वाले बकाएदारों पर करीब 7ख् करोड़ रुपए का बिल बाकी।

सबसे बड़े बकाएदार

-मेसर्स जालान कनकास्ट लिमिटेड, नकहा पर बकाया हैं ख्8.7ब् करोड़ रुपए

-मेसर्स गोविंद मिल्स, बरगदवां पर बकाया हैं भ्.क्0 करोड़ रुपए

-मेसर्स गैलेंट इस्पात, गीडा पर बकाया हैं क्.98 करोड़ रुपए