जा रहे थे स्टेशन

कोलकाता का स्क्रैप व्यवसायी मदन लाल जायसवाल अपने साला मनोज जायसवाल के साथ मारपीट के एक मामले में जमानत लेने के लिए यहां आया हुए थे। मंडे को कोर्ट से जमानत लेने के बाद वह अपने साला के साथ ऑटो से ट्रेन पकडऩे स्टेशन जा रहे थे।

उनकी ऑटो लाल बाबा फाउंड्री के पास पहुंची तो जाइलो पर सवार कुछ लोगों के साथ ही तीन बाइक पर सवार अन्य 6 लोगों ने उनको रोकने का प्रयास किया। इसके बाद जाइलो ने ओवरटेक कर ऑटो को रोका।

जाइलो में बिठाने का प्रयास

ऑटो के रुकते ही 3-4 लोग नीचे उतरे व ऑटो में से मदनलाल को उतारने के बाद जाइलो में बैठाने का प्रयास करने लगे। अपराधियों को ऐसा करते देख मदनलाल के साला ने विरोध भी किया, लेकिन अपराधियों के सामने उसकी विरोध असरदार न साबित हो सकी। इसके बाद तो बीच रोड पर हंगामा शुरू हो गया।

पुलिस ने संभाला मोर्चा

बीच रोड पर हंगामा व हो-हल्ला मचने के बाद वहां लोग जुटने लगे। इस बीच किसी ने पुलिस को इंफार्म कर दिया। सूचना मिलते ही तत्काल पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस के आते ही बाइक पर सवार अपराधी वहां से भाग गए, जबकि पुलिस ने जाइलो सवार तीन अपराधियों को पकड़ लिया।

पिस्टल व जाइलो जब्त

पुलिस जाइलो सवार विश्वनाथ शर्मा, मनोज शर्मा व अखिलेश शर्मा को पकडक़र पुलिस स्टेशन ले आई। पुलिस ने किडनैपिंग के लिए यूज हुए जाइलो को भी जब्त कर लिया। क्रिमिनल्स के पास से पुलिस ने एक 9 एमएम की पिस्टल, एक कंट्रीमेड पिस्टल व 9 जिंदा कारतूस भी रिकवर किया है। जानकारी के अनुसार क्रिमिनल्स ने मदनलाल शर्मा से 15 लाख रुपए रंगदारी की भी मांग की थी, जिसे देने से इंकार कर दिया था। इस मामले को रंगदारी व पुराने विवाद से जोड़ कर देखा जा रहा है।

क्या है पूरा मामला?

इंफार्मेशन के मुताबिक विश्वनाथ शर्मा कोलकाता में ही मदनलाल जायसवाल के साथ स्क्रैप का बिजनेस करता था। वर्ष 2011 में उसका किसी बात को लेकर मदनलाल से विवाद हो गया। इसके बाद वह जमशेदपुर आ गया। यहां उसने मदनलाल व उनकी वाइफ के खिलाफ घर में घुसकर मारपीट का कम्प्लेन दर्ज करवाया। इसमें मदनलाल की वाइफ ने पहले ही कोर्ट से जमानत ले ली थी। मंडे को मदनलाल अपने साला के साथ कोर्ट आए थे व जमानत लेकर कोलकाता के लिए ट्रेन पकडऩे ऑटो से स्टेशन जा रहे थे। मदनलाल के यहां आने की जानकारी मिलते ही विश्वनाथ शर्मा ने अपने साथियों के साथ मिलकर उन्हें किडनैप करने का प्रयास किया।