करीब 30 हजार fake LPG connection हुए block
Allahabad: एलीपीजी कंपनियों का पहला वार मारक रहा है। एक झटके में ही 30 हजार कनेक्शन को धराशायी करके रख दिया है। मल्टीपल गैस कनेक्शन की लिस्ट में शामिल उन कनेक्शन को एक जून से ब्लॉक कर दिया गया है जिनका केवाईसी फार्म जमा नहीं हुआ है। गैस कंपनियों का कहना है कि यह फर्जी कनेक्शन थे, या फिर यह कनेक्शन उन लोगों के नाम पर चल रहे थे जिनकी मौत हो चुकी है। इन तीस हजार फर्जी कनेक्शन लिस्ट से हट जाने के बाद गैस एजेंसीज भी बड़ी राहत महसूस कर रही हैं। गैस कंपनियों के पहले वार का रिजल्ट आने के बाद अब गैस कंपनियां दूसरे वार की तैयारी शुरू कर कनेक्शन की लिस्ट को एकदम रिफ्रेश करने की प्लानिंग कर रही हंै. 

50 हजार से ज्यादा थे multiple list में 
इण्डेन के सीनियर ऑफिसर्स ने बताया कि इलाहाबाद रीजनल ऑफिस के अंतर्गत 11 डिस्ट्रिक्ट्स आते हैं। इन सभी डिस्ट्रिक्ट्स की मल्टीपल कनेक्शन की लिस्ट को जारी करके केवाईसी फार्म की डिमांड की गई थी। इन 11 डिस्ट्रिक्ट्स में करीब तीन लाख गैस कनेक्शन का नाम मल्टीपल कनेक्शन की लिस्ट में शामिल था। इलाहाबाद में करीब 50 हजार गैस कनेक्शन का नाम मल्टीपल कनेक्शन की लिस्ट में आया था। ऑफिसर्स ने बताया कि इनमें से करीब 20 हजार ही केवाईसी फार्म सबमिट किया है। ऐसे में करीब 30 हजार कनेक्शन को गैस कंपनियों द्वारा ब्लॉक कर दिया गया है।  

सालों से चल रहे थे ये कनेक्शन 
इण्डेन के ऑफिसर्स सोर्स ने बताया कि सालों से यह गैस कनेक्शन कांटीन्यू चल रहे थे। लेकिन सब्सिडी के कनेक्शन की संख्या फिक्स होने के बाद से एलपीजी कंपनियों ने फर्जी कनेक्शन की साफ-सफाई शुरू कर दी थी। इस क्रम में सबसे पहले गैस कंपनी ने मल्टीपल कनेक्शन की लिस्ट तैयार की। इस लिस्ट में उन कनेक्शन को शामिल किया गया था, जो एक नाम से या फिर एक ही एड्रेस पू्रफ लगाकर कई कनेक्शन लिए गए थे। मल्टीपल कनेक्शन की लिस्ट तैयार करने के बाद गैस कंपनी इंडेन ने सभी एजेंसी को इन कस्टमर की लिस्ट भेज दी थी. 

Commercial में चल रही थी domastic gas
इन फर्जी कनेक्शन के पीछे का लिंक कमर्शियल व डोमेस्टिक सिलेंडर का है। ऑफिसर्स बताते हैं कि शुरू में लोगों ने खूब डोमेस्टिक सिलेंडर का कनेक्शन ले लिया था, उसको कमर्शियल सिलेंडर की तरह यूज करते थे। सब्सिडाइज सिलेंडर की लिमिट फिक्स नहीं थी, ऐसे में गैस कंपनियों भी ज्यादा कुछ करने की स्थिति में नहीं होती थी। लेकिन केवाईसी फार्म भरने के बाद इस तरह के फर्जीवाड़े में काफी हद तक रोक लग चुकी है। एक खास बात और सामने आई है कि मल्टीपल लिस्ट में शामिल कनेक्शन को ब्लॉक कर दिए जाने के बाद कमर्शियल गैस की डिमांड में बढ़ोत्तरी हुई है. 

गैस कंपनी देगी एक और जोर का झटका
मल्टीपल गैस कनेक्शन की लिस्ट से कनेक्शन फिल्टर हो जाने के बाद अब फर्जीवाड़ा कर रहे एक कस्टमर को एक और झटका देने की तैयारी एलपीजी गैस कंपनियों द्वारा किया जा रहा है। अभी तक एक गैस कंपनी में ही कई नाम व सेम एड्रेस से लिए गए कनेक्शन को मल्टीपल लिस्ट में डाला गया था। अब उसके बाद गैस कंपनियों का कंबाइंड साफ्टवेयर तैयार हो रहा है। जिसमें कस्टमर द्वारा डिफरेंट गैस कंपनियों के कनेक्शन का भी पता चल जाएगा। जिसके बाद मसलन, अगर आपने भारत व इंडेन का कनेक्शन ले रखा है तो फिर एक कनेक्शन को सरेंडर कर दीजिए, नहीं तो हो सकता है आप दोनों कंपनियों के कनेक्शन से हाथ धो सकते हैं. 

मल्टीपल कनेक्शन की लिस्ट में शामिल जिन कस्टमर ने केवाईसी फार्म नहीं भरा है, उनके कनेक्शन को ब्लॉक कर दिया गया है। एक जून लास्ट डेट थी, फिलहाल अभी डेट बढऩे की कोई ऑफिशियल सूचना नहीं मिली है। प्रजेंट में साफ्टवेयर का वर्क प्रोसेस में चल रहा है. 
-समीर शुक्ला, ऑफिसर, इंडेन 
50 हजार से ज्यादा थे multiple list में 

इण्डेन के सीनियर ऑफिसर्स ने बताया कि इलाहाबाद रीजनल ऑफिस के अंतर्गत 11 डिस्ट्रिक्ट्स आते हैं। इन सभी डिस्ट्रिक्ट्स की मल्टीपल कनेक्शन की लिस्ट को जारी करके केवाईसी फार्म की डिमांड की गई थी। इन 11 डिस्ट्रिक्ट्स में करीब तीन लाख गैस कनेक्शन का नाम मल्टीपल कनेक्शन की लिस्ट में शामिल था। इलाहाबाद में करीब 50 हजार गैस कनेक्शन का नाम मल्टीपल कनेक्शन की लिस्ट में आया था। ऑफिसर्स ने बताया कि इनमें से करीब 20 हजार ही केवाईसी फार्म सबमिट किया है। ऐसे में करीब 30 हजार कनेक्शन को गैस कंपनियों द्वारा ब्लॉक कर दिया गया है।  

सालों से चल रहे थे ये कनेक्शन 

इण्डेन के ऑफिसर्स सोर्स ने बताया कि सालों से यह गैस कनेक्शन कांटीन्यू चल रहे थे। लेकिन सब्सिडी के कनेक्शन की संख्या फिक्स होने के बाद से एलपीजी कंपनियों ने फर्जी कनेक्शन की साफ-सफाई शुरू कर दी थी। इस क्रम में सबसे पहले गैस कंपनी ने मल्टीपल कनेक्शन की लिस्ट तैयार की। इस लिस्ट में उन कनेक्शन को शामिल किया गया था, जो एक नाम से या फिर एक ही एड्रेस पू्रफ लगाकर कई कनेक्शन लिए गए थे। मल्टीपल कनेक्शन की लिस्ट तैयार करने के बाद गैस कंपनी इंडेन ने सभी एजेंसी को इन कस्टमर की लिस्ट भेज दी थी. 

Commercial में चल रही थी domastic gas

इन फर्जी कनेक्शन के पीछे का लिंक कमर्शियल व डोमेस्टिक सिलेंडर का है। ऑफिसर्स बताते हैं कि शुरू में लोगों ने खूब डोमेस्टिक सिलेंडर का कनेक्शन ले लिया था, उसको कमर्शियल सिलेंडर की तरह यूज करते थे। सब्सिडाइज सिलेंडर की लिमिट फिक्स नहीं थी, ऐसे में गैस कंपनियों भी ज्यादा कुछ करने की स्थिति में नहीं होती थी। लेकिन केवाईसी फार्म भरने के बाद इस तरह के फर्जीवाड़े में काफी हद तक रोक लग चुकी है। एक खास बात और सामने आई है कि मल्टीपल लिस्ट में शामिल कनेक्शन को ब्लॉक कर दिए जाने के बाद कमर्शियल गैस की डिमांड में बढ़ोत्तरी हुई है. 

गैस कंपनी देगी एक और जोर का झटका

मल्टीपल गैस कनेक्शन की लिस्ट से कनेक्शन फिल्टर हो जाने के बाद अब फर्जीवाड़ा कर रहे एक कस्टमर को एक और झटका देने की तैयारी एलपीजी गैस कंपनियों द्वारा किया जा रहा है। अभी तक एक गैस कंपनी में ही कई नाम व सेम एड्रेस से लिए गए कनेक्शन को मल्टीपल लिस्ट में डाला गया था। अब उसके बाद गैस कंपनियों का कंबाइंड साफ्टवेयर तैयार हो रहा है। जिसमें कस्टमर द्वारा डिफरेंट गैस कंपनियों के कनेक्शन का भी पता चल जाएगा। जिसके बाद मसलन, अगर आपने भारत व इंडेन का कनेक्शन ले रखा है तो फिर एक कनेक्शन को सरेंडर कर दीजिए, नहीं तो हो सकता है आप दोनों कंपनियों के कनेक्शन से हाथ धो सकते हैं. 

मल्टीपल कनेक्शन की लिस्ट में शामिल जिन कस्टमर ने केवाईसी फार्म नहीं भरा है, उनके कनेक्शन को ब्लॉक कर दिया गया है। एक जून लास्ट डेट थी, फिलहाल अभी डेट बढऩे की कोई ऑफिशियल सूचना नहीं मिली है। प्रजेंट में साफ्टवेयर का वर्क प्रोसेस में चल रहा है. 

-समीर शुक्ला, ऑफिसर, इंडेन