30 घंटे से ठप हाईवे

उत्तराखंड में चार धाम यात्रा पर कुदरत अभी मेहरबान नहीं है. लगातार हो रही बारिश और बर्फबारी ने तीर्थ यात्रियों के कदम रोक दिए हैं. फिलहाल पिछले 30 घंटे से ठप पड़े बद्रीनाथ हाईवे को बीआरओ के जवानों ने काफी मशक्कत के बाद खोल दिया है. बद्रीनाथ धाम से करीब करीब आठ किलोमीटर की दूरी पर कंचन गंगा के पास रडनबैंड पर ग्लेशियार आ जाने से रास्ता बंद हो गया है. हाईवे पर फंसे यात्रियों को वहां से सुरक्षित निकाल लिया गया है साथ ही उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम चल रहा है.

सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे

जोशीमठ नायब तहसीलदार चंद्र शेखर वशिष्ठ ने आई-नेक्स्ट से फोन पर बातचीत में बताया कि इस वक्त हाईवे पर कोई भी यात्री नहीं फंसा है. मार्ग सुबह दस बजे खोल दिए गए हैं. जो तीर्थयात्री रास्ते में फंसे थे वे बद्रीनाथ सहित सुरक्षित स्थानों पर पहुंच चुके हैं.

गौरतलब है कि ग्लेशियर फिसलने के कारण बद्रीनाथ यात्रा बाधित हो गई थी, जिसके कारण जोशीमठ, पांडूकेश्वर से लेकर बद्रीनाथ तक करीब तीन हजार से ज्यादा यात्री फंसे हुए थे. हालांकि अभी यात्रा शुरू करने को लेकर सरकारी स्तर पर मंथन चल रहा है. फिलहाल जिला प्रशासन ने नए यात्रियों को बद्रीनाथ आने से रोक दिया है. 15 मई तक यात्रा रोक दी गई है. यात्रा के रजिस्ट्रेशन भी बंद कर दिए गए हैं.

एवलॉन्च नहीं, ग्लेशियर खिसका

कंचन गंगा के पास रडनबैंक में ग्लेशियर खिसकने को लेकर दिनभर एवलॉन्च आने की खबरें उड़ती रही, लेकिन एसडीएम अनूप कुमार नौटीयाल का दावा है कि यह एवलॉन्च नहीं, बल्कि ग्लेशियर खिसकने के कारण सडक़ टूटी हुई है. एवलॉन्च आने से भारी नुकसान की संभावना बन जाती हैं.

15 तक रोकी गई यात्रा

उधर, रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने ट्यूजडे को केदारनाथ यात्रा के लिए किसी भी यात्री को अनुमति नहीं दी. एडीएम राहुल कुमार गोयल के अनुसार मौसम के मिजाज को देखते हुए केदारनाथ यात्रा पर रोक लगा दी गई थी. रजिस्ट्रेशन भी बंद कर दिए गए थे. अब बुधवार से यात्रा शुरू करने के लिए मौसम के अनुकूल होने पर ही निर्णय लिया जा सकेगा. इस बारे में शासन से भी लगातार संपर्क किया जा रहा है. फिलहाल यात्रा 15 मई तक के लिए स्थगित कर दी गई है.

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