-राज्य दंडादेश परिहार परिषद की अनुशंसा पर रिहा करने के फैसले पर लगी है रोक

-राजीव गांधी हत्याकांड के आरोपियों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने लगाई है रोक

RANCHI: राज्य के विभिन्न जेलों में बंद व आजीवन कारावास की सजा काट रहे फ्00 कैदियों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से अपने अच्छे आचरण व सजा पूरी होने के बाद भी आजीवन कारावास की सजा पाए कैदियों की समय पूर्व रिहाई का काम झारखंड में बंद है। जबकि, गृह कारा विभाग के पास राज्य के विभिन्न जेलों में बंद आजीवन कारावास की सजा प्राप्त ऐसे तीन सौ से भी अधिक बंदियों की रिहाई का काम लंबित है, जिसकी फाइल राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद को भेजी जा चुकी है।

क्यों हुआ है ऐसा

सर्वोच्च न्यायालय ने तमिलनाडु में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में शामिल अपराधियों के बाद राज्य दंडादेश परिहार परिषद की अनुशंसा पर रिहा करने के फैसले पर रोक लगा रखी है। उस रोक के कारण न केवल झारखंड में, बल्कि देश के सभी राज्यों में राज्य दंडादेश परिहार परिषद की बैठक बंद है। अब सर्वोच्च न्यायालय द्वारा परिहार परिषद की बैठक पर रोक लगाए जाने के बाद विगत वर्ष जुलाई के बाद परिषद की कोई बैठक नहीं बुलाई जा सकी है, इस कारण ऐसे कैदियों की रिहाई बंद है।

क्या-क्या है नियम

-अपराधी की पृष्ठभूमि क्या है। इनके अपराध की प्रकृति क्या है।

-रिहाई के बाद अपराध की पुनरावृत्ति न हो। इस पर विचार जरूरी है। रिहाई के बाद इनका परिवार इन्हें किस रूप में स्वीकार करेगा।

-यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि समाज पर इनकी रिहाई का विपरीत प्रभाव न पडे़।