-गीता प्रेस मेंनहींमिला 373 कर्मचारियों का रिकॉर्ड

-अचानक पहुंचे उपश्रमायुक्त

GORAKHPUR: गीता प्रेस में हो रहा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। सैटर्डे को उपश्रमायुक्त के पहुंचने की जानकारी होते ही कर्मचारियों ने जमकर बवाल काटा। कारण था प्रबंधन ने लंच के समय मेनगेट पर ताला बंद कर दिया और कर्मचारियों को बैकडोर से निकलने को कहा। उपश्रमायुक्त कर्मचारियों के बवाल की जानकारी होते ही पहुंचे और कर्मचारियों की गिनती की गई। अब क्ख् जनवरी को फैसला होगा कि गीता प्रेस को लेकर क्या निर्णय लिया जाए।

बैकडोर से निकलने को लेकर हंगामा

सैटर्डे को उपश्रमायुक्त गीता प्रेस पहुंचे। उपश्रमायुक्त सियाराम सिंह के साथ हिमांशु मिश्र और अमित सिंह श्रम प्रवर्तक थे। उनके पहुंचने की सूचना पर कर्मचारियों ने हंगामा कर दिया। सियाराम सिंह ने बताया कि वे कर्मचारियों की गिनती करने पहुंचे थे। उन्होंने कर्मचारियों की गिनती कर ली है। इसमें फ्7फ् ऐसे कर्मचारी मिले जिनका कोई रिकॉर्ड प्रबंधन के पास नहीं है। वहीं क्8ख् कर्मचारियों का रिकॉर्ड प्रबंधन के पास मिला, जबकि भ्0 कर्मचारी कांट्रेक्ट बेस पर मिले।

क्भ् से क्7 दिसंबर को हुआ था प्रदर्शन

वेतन वृद्धि की मांग को लेकर गीता प्रेस के कर्मचारियों ने क्भ् दिसंबर को सामूहिक अवकाश लिया था। क्म् और क्7 दिसंबर को कर्मचारियों ने गीता प्रेस में तालाबंदी कर दी थी। मामले में डीएम रंजन कुमार को भी हस्तक्षेप करना पड़ा था। कर्मचारी डीएम की बात मानने को भी तैयार नहींहुए। जब 7 जनवरी को कर्मचारियों को वेतन आया तो उसमें ढाई दिन का वेतन कटा हुआ था। इस बात को लेकर कर्मचारी एक बार फिर आक्रोशित हो गए। इसके बाद कर्मचारियों ने डीएम से मुलाकात की। डीएम ने क्ख् जनवरी को मिलने का समय दिया था। उसके बाद कर्मचारियों ने तय किया कि क्ख् जनवरी को डीएम साहब से मिलने के बाद ही तय किया जाएगा कि वेतन लिया जाए या नहीं।

ख्ब् दिसंबर को एडीएम और श्रम विभाग के बीच मीटिंग हुई थी। जिसमें तय हुआ था कि श्रम विभाग अचानक गीता प्रेस का निरीक्षण करेगा। उसी निर्णय पर सैटर्डे को हम लोग गीता प्रेस पहुंचे थे। जहां हमने कर्मचारियों की गिनती की।

सियाराम सिंह, उपश्रमायुक्त, श्रम विभाग