जिले में मरीजों की तादाद 225 पहुंची, 19 गंवा चुके जान

-दो माह के दौरान एक दिन में मरीजों की सर्वाधिक संख्या

मेरठ: स्वाइन फ्लू का वायरस मेरठ को पूरी तरह जकड़ चुका है। प्रदेश सरकार के तमाम दावे धरे रह गए और मेरठ में मरीजों का आंकड़ा 225 तक पहुंच गया। मेडिकल कालेज में आसपास के जिलों को मिलाकर अब तक 308 मरीजों में एच1एन1 वायरस की पुष्टि हो चुकी है। जिले में 19 मरीजों की मौत हुई है।

बढ़ रहे पेशेंट्स

मेडिकल कालेज की माइक्रोबायोलोजी लैब में मंगलवार को कुल 88 सैंपलों की जांच में 39 नए मरीज मिले। दो माह के दरम्यान एक दिन में मरीजों की यह सबसे बड़ी संख्या है। मेडिकल में अब तक 749 मरीजों में स्वाइन फ्लू की जांच हुई है। मेरठ ने गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर एवं अन्य जिलों को पीछे छोड़ दिया है। जिले में अब तक 19 मौतें हो चुकी हैं, जबकि कई अन्य मौतें दिल्ली में होने से रिकार्ड में दर्ज नहीं हो पाया।

फुल हो गया वार्ड

मेडिकल कालेज का स्वाइन फ्लू वार्ड फुल हो गया है। स्टाफ मरीजों को भर्ती करने एवं वेंटिलेटर देने से कतराता है, जिसकी शिकायत प्रदेश सरकार तक पहुंचने के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ। सीएमओ डा। राजकुमार ने बताया कि वाकई हालात संवेदनशील हैं। सफाई रखें, अन्यथा कोई भी बीमारी की चपेट में आ सकता है। बताया कि टेमीफ्लू की काफी उपलब्धता है। इसके बावजूद इसे मंगाया जा रहा है।

सफाई के अभाव में बढ़ी बीमारी

-दिन में कई बार हाथ धोएं। नाक के पास हाथ को न ले जाएं।

-किसी भी छींकते, खांसते या बुखार के मरीज से पांच फुट दूर रहें।

-बच्चों को मास्क लगाकर स्कूल भेजें। भीड़ में न जाएं।

-गिलोय, तुलसी, हल्दी, नीम एवं लहसुन जैसे प्राकृतिक एंटीबायोटिक का सेवन करें।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

ओपीडी में फ्लू के मरीजों की तादाद ज्यादा है, जिसमें से कई में एच1एन1 पाजिटिव मिला है। एच1एन1 वायरस न्यूमोनिया बनाता है, जो खतरनाक संकेत है। सांस फूलने के साथ बुखार आए तो सतर्क हो जाएं। हालांकि अच्छी प्रतिरोधक क्षमता वालों पर इस रोग का कोई असर नहीं है।

डॉ। अमित अग्रवाल, चेस्ट फिजीशियन

इससे पहले कि हालात अनियंत्रित हो जाएं, स्वास्थ्य विभाग संदिग्ध मरीजों को भी टेमीफ्लू देना शुरू करें। तेज बुखार, सांस फूलने और जुकाम की जकड़न हो तो फिजीशियन के परामर्श के बाद टेमीफ्लू शुरू कर सकते हैं।

डॉ। संदीप जैन, फिजीशियन, केएमसी