माना जा रहा है कि नए स्पेक्ट्रम जारी होने के बाद पाकिस्तान में बेहतर कॉल क्वालिटी और तेज़ इंटरनेट उपलब्ध हो पाएगा.

कराची में मौजूद बीबीसी संवाददाता शाहज़ेब जिलानी के मुताबिक पाकिस्तान के लोग इसे एक बड़ी खुशख़बरी के तौर पर देख रहे हैं. भारत हो या अफ़ग़ानिस्तान, इन सभी देशों में 3जी काफ़ी समय पहले आ चुका है, लेकिन पाकिस्तान थोड़ा पिछड़ गया था.

नीलामी प्रक्रिया की देखरेख कर रहे पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण के प्रमुख सैयद इस्माइल ख़ान के अनुसार सरकार को इस नीलामी से क़रीब एक अरब अमरीकी डॉलर के निवेश की उम्मीद है.

बीबीसी संवाददाता शाहज़ेब जिलानी के अनुसार, “सरकार को उम्मीद है कि नीलामी से सरकारी ख़ज़ाने में एक अरब अमरीकी डॉलर का अतिरिक्त निवेश आएगा.''

''जहां तक निजी टेलीकॉम कंपनियों की नीलामी में रुचि की बात है, सरकार का कहना है कि मांग ज़्यादा है, स्पेक्ट्रम कम है. स्पेक्ट्रम ख़रीदारी को कंपनियां आतुर हैं.”

ऑनलाइन नीलामी

पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण ने नीलामी की प्रक्रिया बुधवार को कई चरणों में ऑनलाइन शुरू की जो गुरुवार तक चल सकती है.

चुनी गई कंपनियों को स्पेक्ट्रम 15 वर्षों के लिए जारी किया जाएगा.

पाकिस्तान में क़रीब 13 करोड़ मोबाइल उपभोक्ता हैं जो 2जी स्पेक्ट्रम पर कॉल और डाटा सेवाओं का उपयोग करते हैं.

पाकिस्तान में तकनीक के जानकार उम्मीद कर रहे हैं कि 4जी या 3जी के आने से ग्रामीण इलाकों में मोबाइल के ज़रिए शिक्षा और स्वास्थ्य के कार्यक्रमों में मदद मिलेगी.

पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण के अनुसार मोबाइल ब्रॉडबैंड स्पीड की वजह से तकनीक के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को भी काफ़ी फ़ायदा होगा.

'नौ लाख़ नई नौकरियां'

पाकिस्तान: तेज़ इंटरनेट का इंतज़ार खत्म?

पाकिस्तान की सरकार उम्मीद कर रही है कि टेलीकॉम क्षेत्र में 3जी और 4जी तकनीक के आने से देश में क़रीब नौ लाख नई नौकरियां आएंगी. साथ ही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को भी इससे मदद मिलेगी.

पाकिस्तान 3जी और उससे उन्नत तकनीक 4जी की नीलामी एक साथ कर रहा है, लेकिन सबसे बड़ी समस्या इसे लोगों तक पहुंचाने की है.

भारत में 3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी साल 2010 में हुई थी जिसके बाद धीरे-धीरे इसे पहले बड़े शहरों और फिर छोटे शहरों में उपलब्ध कराया गया. लेकिन आज भी कई शहरों और ज़्यादातर गांवों में 3जी सुविधा उपलब्ध नहीं है. 4जी भी इक्का-दुक्का शहरों में ही ठीक से काम करती है.

हालांकि बीबीसी संवाददाता शाहज़ेब जिलानी का कहना है कि पाकिस्तान की टेलRकॉम कंपनियां दूरसंचार के मूलभूत ढांचे को लेकर आश्वस्त हैं और बीते कई वर्षों से इन तकनीकों का परीक्षण भी कर रही हैं.

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