चीख पुकार मची थी

हमारे सामने कार में सो रहे बच्चे व ड्राइवर बह गए। चारों तरफ चीख पुकार मची थी। पूरा माहौल दहशत से भरा था। ऐसे में हम कैसे बचकर यहां पहुंचे, सोच कर की डर लगता है। यह कहना है उत्तराखंड में आए कहर से बचकर सिटी पहुंचे लोगों का। 4 लोगों का पहला जत्था सैटरडे की लेट नाइट टाटानगर प्लेटफॉर्म पर पहुंचा। संडे को साकची स्थित सेंट्रल गुरुद्वारा में अरदास भी की गई, जहां ये सभी मौजूद थे।

13 जून को city से हुए थे रवाना

पिछले 13 जून को साकची हेमसिंह बगान निवासी खजान सिंह सिद्धू अपने छोटे भाई बरयाम सिंह सिद्धू उनके रिलेटिव मनीफीट निवासी परमजीत सिंह गिल व उनका भतीजा हरप्रीत सिंह गिल एसयूवी से बाई रोड गोविंदघाट के लिए रवाना हुए। खजान सिंह ने बताया कि वे 15 जुलाई को गोविंदघाट पहुंचे। वहां से 16 जून की मॉर्निंग गोविंदधाम जाना था। पानी बढऩे के बाद हमें होटल से बाहर जाने को कहा गया। खजान सिंह ने कहा कि रात हो जाने के कारण वे वहीं रुक गए और गुरुद्वारा में सेवा देने लगे। अरदास के बाद ग्रंथी ने अनाउंस किया कि मौसम खराब है। इसके बाद सभी अपने होटल आ गए। वे मेहता होटल में ठहरे थे। रात लगभग 12 बजे होटल मालिक पहुंचा और कहा कि नदी में पानी बढ़ता जा रहा है और उसने होटल से निकल जाने को कहा। इसके बाद सभी समान लेकर हम बाहर कार के पास आ गए।

हमारी आंखों के सामने बह गया होटल व पुल
हम बाहर खड़े होकर सोच रहे थे कि क्या किया जाए। खजान सिंह ने कहा कि उनका छोटा भाई जाकर कार में सो गया। वे तीन लोग बाहर ही खड़े थे। पानी बढ़ते देख सभी कार को लेकर उंचाई की ओर चले गए। इसके बाद रात लगभग 1.30 बजे उन्हें जोरदार आवाज सुनाई पड़ी। जब देखा तो पाया कि गोविंदधाम व गोविंदघाट को जोडऩे वाला पुल बह गया था। इस बीच जिस होटल में हम ठहरे थे वह भी पानी के तेज बहाव में बह गया। खजान सिंह कहते हैैं कि वहां लगभग 250 कार व 1100 बाइक्स भी खड़ी थीं। वे सभी पानी के तेज बहाव में बह गई। वहां कार में बच्चे व ड्राइवर सोए थे।

रात में ही wife को किया SMS
खजान सिंह कहते हैैं कि माहौल को खराब होता देख वाइफ के मोबाइल पर एसएमएस कर दिया, क्योंकि नेटवर्क खराब होने के कारण कॉल नहीं जा रहा था। रात में ही फैमिली के लोग टीवी खोल कर बैठ गए और वहां की स्थिति को देख वे काफी भयभीत हो गए थे। इसके बाद खजान सिंह ने दोबारा घर फोन कर सबके सुरक्षित होने की जानकारी दी।

होटल वालों ने बढ़ा दी कीमतें
उन्होंने बताया कि दूसरे दिन बारिश काफी तेज थी और जो होटल वाले बचे थे उन्होंने खाने का रेट काफी महंगा कर दिया था। इसके बाद हमने गुरुद्वारा में बचे सामानों से लंगर शुरू किया। इस दौरान इंडियन आर्मी का फूल सपोर्ट मिला। उन्होंने कहा कि लोकल एडमिनिस्ट्रेशन तो कहीं नजर ही नहीं आ रहा था।

उठा रहे थे मौके का फायदा
इस दौरान कुछ नेपाली युवक मौके का फायदा उठाने में लगे थे। उन्होंने कहा कि नेपाली युवकों ने गुरुद्वारे की दान पेटी से लगभग 1.50 लाख रुपयों की चोरी कर ली। इसके अलावा वे लूटपाट करने में भी लगे थे। उन्होंने बताया कि आर्मी ने एक व्यक्ति को पकड़ा, जिसके पास थैले में केवल गोल्ड ज्वेलरी ही थी। वे लोग लाशों से ज्वेलरी लेने के लिए हाथ व अंगुलियां तक काट दे रहे थे।

जोशी मठ की प्राचार्य ने की help
इस बीच आर्मी के सहयोग से हम जोशी मठ तक पहुंचे। मौसम खराब होने के कारण 2 दिन तक सभी जोशी मठ में ही रुके रहे। वहां की प्राचार्य उर्मिला बहुगुणा काफी अच्छी महिला थीं। उन्होंने काफी हेल्प की। वे कुछ महिलाओं को अपने घर ले गईं और अपने घर से कंबल व चादर लाकर दिया।

Saturday की रात पहुंचे टाटानगर
इस बीच शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी द्वारा वहां कार व बसें भेजी गयीं। इनके जरिए हम सभी जोशी मठ से ऋषिकेश पहुंचे। वहां से दूसरी व्हीकल हायर कर जलियांवाला बाग पहुंचे। इसके बाद जलियांवाला बाग एक्सप्रेस से सैटरडे की लेट नाइट चारों टाटानगर रेलवे स्टेशन पहुंचे। खजान सिंह ने कहा कि उनकी कार वहीं है। रास्ता साफ हो जाने के बाद उसे वापस लाएंगे।

Family हुई खुश
खजान सिंह सिद्धू, बरयाम सिंह व हरप्रीत सिंह नेशनल साइक्लिस्ट हैं और अविभाजित बिहार के वक्त इन्होंने कई कॉम्पटीशन में भी पार्टिसिपेट किया है। हरप्रीत सिंह रेलवे ट्रैक्शन डिपार्टमेंट में हैं। उनके घर पहुंचने के बाद फैमिली में खुशी का माहौल है। अपने लोगों को देखकर सबके जान में जान आई।

वाइफ के मोबाइल पर एसएमएस कर दिया, क्योंकि नेटवर्क खराब होने के कारण कॉल नहीं जा रहा था। वहां की स्थिति को देख वे काफी डरे हुए थे.वे मेहता होटल में ठहरे थे। रात लगभग 12 बजे होटल मालिक पहुंचा और कहा कि नदी में पानी बढ़ता जा रहा है और उसने होटल से निकल जाने को कहा।
खजान सिंह

 

report by : goutam.ojha@inext.co.in