इमारत गिरने की ख़बर मिलते ही दमकल 12 की गाड़ियां, पुलिस और महानगर पलिका के अधिकरी तुरंत घटनास्थल पर पहुँच गए और राहत और बचाव का काम शुरू करवाया.

दमकल विभाग के मुताबिक़ इमारत के मलबे से सात लोगों को निकाला गया है. इन सभी लोगों को जेजे अस्पताल में दाख़िल कराया गया है.

मुंबई के महापौर सुनील प्रभु के मुताबिक़, इस इमारत में कुल 22 फ़्लैट थे. इनमें क़रीब 250 लोग रहते थे.

खस्ताहाल इमारत

उन्होंने बताया,''यह इमारत ख़स्ताहाल थी. यहां रहने वालों को इमारत ख़ाली करने की नोटिस दी गई थी. इमारत की मरम्मत जल्द ही शुरू होने वाली थी, इमारत के मलबे में 60-70 लोगों के फंसे होने की आशंका है.''

"यह इमारत खस्ताहाल थी. यहां रहने वालों को इमारत खाली करने की नोटिस दी गई थी. इमारत की मरम्मत जल्द ही शुरू होने वाली थी, इमारत के मलबे में 60-70 लोगों के फंसे होने की आशंका है"

-सुरेश प्रभु, महापौर, मुंबई

उन्होंने बताया कि 10 साल पहले इस इमारत की मरम्मत की गई थी. इमारत में मुंबई महानगर पलिका के मार्केटिंग विभाग के कर्मचारी रहते थे.

घटनास्थल पर पहुँचे दमकलकर्मियों को कई दिक्क़तों का सामना करना पड़ा. इमारत के एक संकरी गली में स्थित होने की वजह से दमकल की गाडियों और जेसीबी मशीन को वहाँ तक पहुँचने में काफ़ी मशक़क्त करनी पड़ी.

अधिकरियों ने एक दुकान गिराकर गाड़ियों के लिए रास्ता बनाया. राहत और बताव कार्य में राष्ट्रीय आपदा राहत बल, दमकल, पुलिस, आपत्ती व्यवस्थापन विभाग और माझगांव डॉक के पाँच सौ कर्मचारी और अधिकरी लगे हुए हैं.

इस इलाक़े की नगर सेविका यामिनी जाधव ने बताया,''इमारत क़रीब 60 साल पुरानी थी. इसकी मरम्मत के लिए महानगर पलिका प्रशासन के साथ लगातार बात हो रही थी. हम पिछले डेढ़ साल से इमारत के मरम्मत की मांग कर रहे थे. लेकिन प्रशासन ने इसे गंभीरता से नही लिया. प्रशासकीय देरी की वजह से आज यह इमारत ढह गई.''

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