- बिठूर के पत्थर घाट से शुरू हुआ सफाई अभियान, बछेंद्री पाल और उनकी टीम ने 1 नाली से निकाला 4 टन कूड़ा

- कहा, गंगा में पूजा की सामग्री और कपड़ा कूड़े के रूप में भारी मात्रा में मिला, कन्नौज से गंगा ज्यादा मैली

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KANPUR : गंगा के मैले हो चुके आंचल को साफ करने के लिए भारत की प्रथम महिला पर्वतारोही बछेंद्री पाल ने बिठूर के पत्थर घाट पर सफाई की। इस मौके पर उनके साथ 40 सदस्यों की टीम भी मौजूद रही। बछेंद्री पाल ने बताया कि गंगा में सफाई के दौरान कपड़ा और पूजा सामग्री भारी मात्रा में मिल रही है। लोगों की ऐसी आस्था देखकर दुख होता है। उन्होंने कहा कि कन्नौज से गंगा का स्वरूप बेहद गंदा देखने को मिला। कानपुर में यह और भी गंदा हो चुका है। अब तक उनकी टीम के द्वारा 15000 किलो कचरा गंगा से निकाला जा चुका है। घाट की सफाई के दौरान एक नाली से 4 टन कचरा निकाला गया। साथ ही शहर में गंगा सफाई को लेकर कई जनजागरुकता कार्यक्रम में भी बछेंद्री पाल और उनकी टीम ने भ्ाग लिया।

बच्चों में अवेयरनेस फैलाएं

बछेंद्री पाल ने बताया कि दिल्ली में मुलाकात के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि गंगा सफाई के दौरान बच्चों को जरूर अवेयर किया जाए। उन्हें बताया जाए कि गंगा में गंदगी न तो करनी है और न ही किसी को करने देनी है। एनएमसीजी के एक्सपर्ट संदीप बोहरा ने बताया कि पूरा दल हरिद्वार से फर्रुखाबाद, कन्नौज होते हुए जल मार्ग के रास्ते ही कानपुर पहुंचा है। वहीं टीम के रूप में आए 40 सदस्य टाटा कंपनी के कर्मचारी हैं।

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बंद कराएं गंगा में गिर रहे नाले

बछेंद्री पाल ने भाजपा विधायक अभिजीत सिंह सांगा से गंगा में गिर रहे छोटे-बड़ों नालों को स्थानीय प्रशासन से बात करके बंद कराने के लिए कहा।

सिख रेजीमेंट ने किया सम्मानित

रामगढ़ से दिल्ली तक साइकिल यात्रा पर निकले सिख रेजीमेंट के जवानों ने बिठूर में एवरेस्ट विजेता बछेंद्री पाल और चेतना साहू को सम्मानित किया।

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मैं बहुत बड़ी-बड़ी बातें करती थी

बछेंद्री पाल ने बताया कि वह बचपन में बहुत बड़ी-बड़ी बातें करती थीं। हवाई जहाज को उड़ते देखती थी तो कहती थी कि एक दिन मैं भी इसे उड़ाऊंगी। पुराने समय में लड़कियों की पढ़ाई को लेकर काफी पाबंदी थी। 8वीं के बाद मैंने पढ़ने के लिए काफी संघर्ष किया। हायर स्टडी करना एवरेस्ट चढ़ने से भी ज्यादा मुश्किल था। लड़कियों को अपनी बता रखना आना चाहिए। कभी उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। प्रयास करते रहना चाहिए।