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AGRA. थाना मंसूखपुरा स्थित गांव करकौली में महज 400 रुपये की उधारी के विवाद में चार महीने की बच्ची को मौत के घाट उतार दिया। शनिवार रात को पिता की गोद में खेलती अबोध पर लोहे के पाइप से प्रहार कर मारा गया। घटना के बाद आरोपित घर पर ताला डाल परिवार समेत फरार हो गया।

खोखे पर हुआ था विवाद
करकौली निवासी ओमप्रकाश का गांव में ही परचून का खोखा है। शनिवार रात 8:30 बजे गांव का ओमकार खोखे पर सामान लेने आया था। ओम प्रकाश के मुताबिक ओमकार पर पहले के 400 रुपये उधार थे। उसने पहले की उधारी चुकाने को बोला। इस पर विवाद शुरु हो गया। इस पर उसने सामान देने से इनकार कर दिया। धमकी देने पर आसपास के लोगों ने उसे भगा दिया।

बच्ची के सिर पर किया प्रहार
ओमप्रकाश के मुताबिक घर आने के बाद वह चार महीने की बेटी शिवानी को दरवाजे पर खिला रहा था। इसी दौरान ओमकार ने घात लगाकर हमला बोल दिया। उसने लोहे के पाइप से बच्ची के सिर पर प्रहार कर दिया। इससे अबोध शिवानी लहूलुहान हो गई।

ताला डाल कर फरार हुआ आरोपी
परिजन उसे अस्पताल ले गए लेकिन तब तक वह दम तोड़ चुकी थी। अबोध की मौत से परिवार में कोहराम मच गया। उधर, घटना से आक्रोशित ग्रामीण आरोपित के घर पहुंचे लेकिन तब तक मकान पर ताला डाल पूरा परिवार फरार हो चुका था। एसपी ग्रामीण नित्यानंद राय ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर आरोपित की तलाश की जा रही है।

आरोपित के घर पर तोड़फोड़ करने पहुंचे लोग
चार महीने की अबोध की हत्या के बाद ग्रामीणों में गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने आरोपित ओमकार के घर पर धावा बोल दिया था। वे वहां तोड़फोड़ पर आमादा थे। इस दौरान गांव के बुजुर्गो ने भीड़ को समझाकर शांत किया।

मां की बात मानी होती तो न जाती शिवारी
मां गीता अबोध शिवानी को सुलाने का प्रयास कर रही थीं। तभी ओम प्रकाश आ गए, उनको देख उसने रोना शुरू कर दिया। पिता उसे गोद में लेकर खिलाने लगे। वह चुप नहीं हुई तो बाहर ले आए। रात के समय बच्ची को बाहर ले जाने से मां गीता ने मना किया था। ओम प्रकाश का कहना था कि वह पत्नी की बता मान लेता तो बेटी की जान नहीं जाती।

दोनों बहनों का चला गया खिलौना
ओमप्रकाश की तीन बेटियों में शिवानी सबसे छोटी थी। पांच साल की दिव्या और दो वर्षीय दीक्षा के लिए वह खिलौना थी। परिजनों ने उन्हें शिवानी की मौत की बारे में नहीं बताया था। दोनों बहनें परिवार से शिवानी के बारे में पूछती रहीं।