बताया जा रहा है कि रात को जब तापमान बेहद कम था तो ये बच्चे ठिठुरते रहे और इनकी मौत हो गई। इनमें से ज़्यादातर बच्चे पहाड़ियों के दूर दराज इलाकों के नहीं बल्कि राजधानी काबुल के रहने वाले हैं।

ये काबुल के उन शिविरों में रह रहे थे जिन्हें ऐसे लोगों के लिए बनाया गया है जो नेटो और तालिबान के बीच लड़ाई के कारण विस्थापित हो गए हैं। अब इन शिविरों तक कुछ मदद पहुंच रही है। इस स्थिति पर अफगानिस्तान सरकार की प्रतिक्रिया की तीखी आलोचना हो रही है।

एक निर्दलीय अफगान सांसद ने कहा है कि गैर जिम्मेदाराना रवैये का एक चलन सा बन गया है और ऐसा हर साल हो रहा है। विस्थापित लोगों के लिए बने विभाग के मंत्री ने कहा है कि बच्चों की मौत पर उन्हें खेद है। बीबीसी संवाददाता के मुताबकि इस तरह की घटना अफगान सरकार की काबिलियत पर सवाल भी खड़े करती है।

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