जागरुकता कार्यक्रम में बोले मुख्य आयुक्त दिव्यांगता, मांगों को पूरा करने का आश्वासन

ALLAHABAD: क्या आपको पता है कि विश्व में 1.5 करोड़ और भारत में 30 से 40 लाख बच्चे सेरेब्रल पाल्सी से पीडि़त हैं। बावजूद इसके देश में इस बीमारी के इलाज और जानकारी का अभाव है। पीडि़त के इलाज के लिए अभिभावक दर-दर भटकते हैं। त्रिशला फाउंडेशन की ओर से शनिवार को कर्नलगंज इंटर कॉलेज में आयोजित जागरुकता कार्यक्रम में यह चर्चा हुई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्य आयुक्त दिव्यांगता भारत सरकार डॉ। कमलेश कुमार पांडेय रहे। उन्होंने कार्यक्रम में आए लोगों को सरकार द्वारा चलाई जा रही दिव्यांगजन की योजनाओं से रूबरू कराया।

लोगाें ने रखी मांगें

कार्यक्रम में सेरेब्रल पाल्सी पीडि़त बच्चों के अभिभावकों ने अपनी मांगें मुख्य आयुक्त के सामने रखी। उनका कहना था कि सभी राज्यों में इलाज केंद्र और प्रशिक्षित थेरेपिस्ट उपलब्ध कराए जाएं। अनुदान राशि बढ़ाने के साथ स्कूलों में चुनौतीपूर्ण बच्चों के लिए दाखिला और स्पेशल ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था की जाए। इस पर डॉ। कमलेश पांडेय ने कहा कि समस्याओं पर विचार कर समाधान की कोशिश की जाएगी। उन्होंने भारत सरकार व राष्ट्रीय न्यास की योजनाअें के बारे में भी विस्तार से बताया।

तो 80 फीसदी हो जाएंगे निर्भर

त्रिशला फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ। जितेंद्र जैन ने कहा कि आधुनिक सुविधाएं और एक्सपर्ट डाक्टर उपलब्ध हों तो सेरेब्रल पाल्सी से पीडि़त 80 फीसदी बच्चों को आत्मनिर्भर व समाज का सामान्य अंग बना सकते हैं। कहा कि 2014 में फाउंडेशन की स्थापना की गई लेकिन इस क्षेत्र में टीम 14 साल से कार्यरत है। सचिव डॉ। वारिदमाला जैन ने बताया कि देश विदेश से लगभग 200 अभिभावक त्रिशला फाउंडेशन में बच्चों का इलाज करा रहे हैं और दस हजार बच्चे लाभांवित होकर समाज की मुख्य धारा से जुड़ चुके हैं। तत्पश्चात कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।