RANCHI : रांची जिले में ऐसे कई प्राइवेट हॉस्पिटल, नर्सिग होम और क्लिनिक हैं, जहां मरीजों की जिंदगी से बदस्तूर खिलवाड़ हो रहा है। अब इन हॉस्पिटल्स पर गाज गिर सकती है। खास बात है कि यहां लगभग 712 हॉस्पिटल्स में से 400 ऐसे हॉस्पिटल्स हैं जिनका रजिस्ट्रेशन या तो फेल हो चुका है अथवा बिना लाइसेंस के ही इनका अवैध तरीके से संचालन किया जा रहा है। स्वास्थ विभाग के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्नी ने इन सभी हॉस्पिटल्स को चेतावनी दी है कि वे हर हाल में 15 दिसंबर तक अपना रजिस्ट्रेशन करा लें वरना उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

केंद्र संचालकों को नोटिस

एक्ट के तहत अब तक करीब 300 हॉस्पिटल, नर्सिंग होम और क्लीनिक संचालकों ने अपना निबंधन कराया है। फि र भी करीब 400 क्लीनिक या नर्सिंग होम ऐसे हैं, जिन्होंने अभी रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। इससे पूर्व, सिविल सर्जनए रांची डॉ एसएस हरिजन ने सभी चिकित्सा केंद्र संचालकों से अनुरोध किया था कि वे 15 जनवरी तक निबंधन करा लें, लेकिन अब तक जिले में संचालित महज 300 केंद्रों ने ही निबंधन कराया है। अब शेष केंद्र संचालकों को नोटिस जारी किया जाएगा।

5 लाख देना होगा जुर्माना

स्वास्थ सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने बताया कि सभी अस्पतालों को नोटिस दिया गया है कि वो 15 दिसंबर तक अपने अस्पताल का रजिस्ट्रेशन करा लें। नही तो उनपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जो हॉस्पिटल रजिस्ट्रेशन नहीं कराएंगे और पहली बार पकड़े जाने पर 50 हजार तक जुर्माना देना है। जबकि दूसरी बार बिना रजिस्ट्रेशन के चलने वाले हॉस्पिटलों पर दो लाख व तीसरी बार पांच लाख तक का जुर्माना लगाया जाएगा।

कुछ ऐसा है हॉस्पिटल्स का हाल

गौरतलब है कि रांची में संचालित होने वाले निजी हॉस्पिटल व नर्सिग होम की संख्या 712 है। इसमे मात्र तीन सौ हॉस्पिटल व नर्सिग होम का ही रजिस्ट्रेशन है। 400 से ज्यादा हॉस्पिटल अवैध तरीके से रन कर रहे हैं। इसमें 157 हॉस्पिटल्स का 2015 तो 200 का 2018 में ही रजिस्ट्रेशन फेल हो चुका है। लेकिन, फिर भी यहां मरीजों का धड़ल्ले से इलाज चल रहा है।

फैसिलिटी नहीं और कराते हैं डिलीवरी

रांची में ऐसे कई हॉस्पिटल व नर्सिग होम है, जिसे न तो डिलीवरी कराने के लिए लाइसेंस है और न ही फैसिलिटी। लेकिन, यहां धड़ल्ले से प्रेग्नेंट की डिलीवरी कराई जा रही है। ऐसे में जच्चा-बच्चा की जान हमेशा खतरे में बनी रहती है। अब ऐसे हॉस्पिटल्स पर भी सरकार कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।

नर्सिग होम संचालन के ये हैं मानक

-हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा तय गाइडलाइन के अनुकूल हॉस्पिटल का भवन हो

-सीएमओ के दफ्तर में नर्सिंग होम का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए

-पैनल में रखे डाक्टरों को पंजीयन मेडिकल काउंसिल में होना चाहिए

- पैरामेडिकल स्टाफ्स की ड्यूटी 8-8 घंटे की होनी चाहिए

-ओटी कक्ष में मेडिकल गाइड लाइन के अनुसार ऑपरेशन थिएटर हो

-ओटी कक्ष में आक्सीजन सिलेंडर को अनिवार्य रूप से रखा जाए

-मेडिकल वेस्ट्स के मैनेजमेंट की व्यवस्था होनी चाहिए

ऑनलाइन करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन

स्वास्थ सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने बताया कि झारखंड में क्लीनिकल स्टैब्लिसमेंट एक्ट के तहत अब क्लिनिक, अस्पताल या नर्सिंग होम का निबंधन ऑनलाइन कराया जा सकता है। इसके लिए अब सिविल सर्जन ऑफि स के चक्कर नहीं लगाने होंगे। अस्पताल संचालक क्लीनिकल स्टैब्लिसमेंट एक्ट की साइट पर जाकर निबंधन करा सकते हैं। इसके लिए डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट क्लीनिकल स्टैब्लिसमेंट डॉट एनआईसी डॉट इन पर जाकर सबसे पहले अपना यूजर आईडी बनाना होगा। फि र निर्धारित मानक पूरा कर प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई करना होगा। अप्लाई करने के साथ प्रोविजनल सर्टिफि केट प्राप्त किया जा सकता है।