-जिले में कम नहीं हो रहे सड़क हादसे
-ब्लैक स्पॉट चिह्नित, नहीं हो पाई रोकथाम
द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र:
जिले में सड़क हादसों में एक साल के अंदर सवा चार सौ लोगों ने जान गंवा दी है। हादसों को रोकने के लिए ब्लैक स्पॉट भी चिह्नित कराए गए हैं। लेकिन लोगों की लापरवाही से एक्सीडेंट थम नहीं रहे। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हादसों की रोकथाम के लिए कार्रवाई की जा रही है। हादसों को रोकने के लिए सघन अभियान चलाने की जरूरत है।
ट्रैफिक नियमों की अनदेखी, बढ़ रहे हादसे
शहर और आसपास के इलाकों में रोजाना एक्सीडेंट होते हैं। लापरवाही से वाहन चलाने और राह चलने के दौरान सड़क सुरक्षा के मानकों की अनदेखी से किसी न किसी की जान चली जाती है। हादसों में रोजाना चार से पांच लोग घायल होकर अस्पताल पहुंचते हैं। इनमें ज्यादातर बाइकर्स होते हैं। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि ज्यादातर मामले ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन से होते हैं। एक साल हादसे वाली जगहों को चिह्नित कराया गया था।
इन जगहों पर ज्यादा होते एक्सीडेंट
कोनी मोड़-फोरलेन- जगदीशपुर - खोराबार
बरगदवां चौराहा- बाईपास मोड़-चिलुआताल
महेसरा पुल- चिलुआताल- ओंकार नगर-मानीराम
चिऊटहा पुल- जंगल कौडि़यां, महावनखोर
सहजनवां-कालेसर-बाघागाड़ा- बरहुआ
सूबा बाजार- रामनगर कड़जहा-भैंसहा
बेलीपार- कौड़ीराम पुल- वाराणसी हाइवे
पादरी बाजार- पिपराइच रोड
सालभर के अंदर हुए हादसे
जनवरी से दिसंबर तक हादसे - 1079
मामूली घायल भर्ती नहीं हुए - 666
हादसों में मारे गए लोग- 413
कुल घायलों की तादाद- 958
अस्पताल में भर्ती कराए गए घायल- 575
गंभीर रूप से जख्मी - 383
एक्सीडेंट की प्रमुख वजह
-सड़कों की खराब इंजीनियरिंग
-यातायात के नियमों का उल्लंघन
-वाहन चलाते समय नशा करने की लत
-सघन आबादी में तेज रफ्तार में वाहन चलाना
-हाइवे पर वाहन चलाने के दौरान मनमानी रफ्तार
-जगह-जगह सड़कों पर बने कट्स, मनमानी ब्रेकर
वर्जन
जिले में जो भी हादसे होते हैं। उनमें ज्यादातर टै्रफिक नियमों के उल्लंघन से होते हैं। सड़क पर चलने के दौरान लोग सावधानी नहीं बरतते हैं। इसलिए लोग हादसों के शिकार हो जाते हैं। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हर साल ट्रैफिक जागरूकता अभियान चलाया जाता है।
आदित्य प्रकाश वर्मा, एसपी ट्रैफिक