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PATNA : राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित डीएलएड की परीक्षा में फेल हो गए हैं. इनकी संख्या 43 हजार है. नियमानुसार इस परीक्षा में फेल होने वाले और अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों की नौकरी स्वत: खत्म हो जाएगी. जबकि 2158 परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए हैं. परीक्षा में फेल हुए शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटक सकती है. जानकारी हो कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय की विशेष पहल पर एनआईओएस में डीएलएड कोर्स संचालित कर परीक्षा का आयोजन किया था. प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों को शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत 31 मार्च 2019 तक हर हाल में डीएलएड कोर्स पूरा करना था.

बार -बार मौका, फिर भी फेल

परीक्षा से जुडे़ सूत्रों ने बताया कि एनआईओएस के द्वारा तीन अक्टूबर, 2017 से इस कोर्स को शुरू किया गया था. 2017 से 2019 तक चार सेमेस्टर में परीक्षा आयोजित की गई. पहले सेमेस्टर की परीक्षा 31 मई से दो जून, 2018 को आयोजित की गई थी. इसमें करीब तीन बार फेल होने वाले को भी मौका मिला था. लेकिन बार-बार की परीक्षा के बाद भी वे इसमें अपनी योग्यता को नहीं निखार सके. परीक्षा में शामिल शिक्षकों में से कुल 2,17,170 शिक्षक उत्तीर्ण हुए हैं.

1442 सेंटर पर हुई थी परीक्षा

सरकार ने स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए स्कूलों में पढ़ा रहे रहे शिक्षकों को प्रशिक्षण करने का निर्णय लिया था. इसके अंतर्गत एनआईओएस द्वारा डीएलएड की परीक्षा आयोजित की गई थी. राज्य में डीएलएड के प्रशिक्षण के लिए 1,442 स्टडी सेंटर बनाए गए थे जबकि परीक्षा का आयोजन 4 सेमेस्टर में किया गया था. गौरतलब है कि कोर्स के लिए 44,594 सरकारी शिक्षक सरकार द्वारा अनुदानित स्कूलों के 12480 शिक्षक तथा 206038 निजी विद्यालयों के शिक्षक शामिल हुए थे.

सप्लीमेंट्री परीक्षा की मांग

इस परीक्षा में राज्य भर के 43 हजार शिक्षक फेल हो गए हैं जिनकी नौकरी नियमत: स्वत: खत्म हो जानी है. हालांकि प्राप्त जानकारी के अनुसार सप्लीमेंट्री परीक्षा आयोजन करने की मांग की गई है. इसको लेकर विभाग से जल्द ही विचार मांगा जा रहा है. यदि ऐसा होता है तो फिर से एक मौका मिल सकता है.