ब्रिटिश पुलिस ने मंगलवार को युद्ध क्षेत्र में ब्रिटिश महिलाओं के होने के बारे में पहली बार आधिकारिक आंकड़ा प्रस्तुत किया। इस रिर्पोट के अनुसार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट समूह में 'जेहादी दुल्हन' बनने के लिए पिछले एक वर्ष में 43 लड़कियां और महिलाएं ब्रिटेन से सीरिया गई हैं। ये भी जानकारी मिली है कि सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि 700 तक की संख्या में लोग इस जेहादी समूह से जुड़ने के लिए ब्रिटेन से सीरिया जा चुके हैं। हालाकि उसमें से लगभग आधे वापस भी लौट आए। पर जो युवतियां या महिलायें वहां पहुंची हैं उनके बारे में एमईटी पुलिस की सहायक उपायुक्त हेलेन बाल का मानना है कि वो शायद कभी अपने घर नहीं लौट पाएंगी।

हेलेन बाल के अनुसार सीरिया एक बेहद खतरनाक जगह है। उन्होंने अपनी बात स्पष्ट करते हुए कहा कि आतंकवादी समूह ब्रिटेन की महिलाओं को आकर्षित करने के लिए जिन तस्वीरों को सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर शेयर करते हैं वो वास्तविकता से काफी अलग है। इन तस्वीरों से लगता है कि वहां सारी सुविधायें और बेहतर जीवन है जो बिलकुल गलत है।

बाल ने ब्रिटेन में मौजूद परिवारों और समुदायों की भावनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि उनमें इस बात का डर है कि उनके घरों की लड़कियां वहां जाने के लालच में पड़ सकती हैं। कुछ मामलों में महिलाओं और लड़कियों को यह विश्वास हो सकता है कि वहां जाने से उनका जीवन अधिक सार्थक हो सकता है, जो ठीक नहीं है।

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जो महिलाएं जेहादी कारणों से सीरिया जाती हैं वे सीधे लड़ाई में शामिल नहीं हो सकती और वहां के लड़ाकों से उनकी शादी करवा दी जाती है। ये बहुत शानदार जीवन की दिशा में अच्छा प्रयास नहीं है। हाल ही एक 12 सदस्यीय बांग्लादेशी परिवार के ल्यूटन से गायब हो जाने के बाद ब्रिटिश पुलिस ने इस संबंध में जानकारी हासिल करने के बाद इस रिर्पोट को प्रस्तुत करके सावधनी बरतने की अपील की है।

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