-मनोरंजन कर निरीक्षक के पद पर हुआ 45 का चयन, मनोरंजन विभाग का हो गया सेल्स टैक्स में विलय

-13 अप्रैल को आया था कम्बाइंड लोअर सबऑर्डिनेट एग्जाम 2015 का फाइनल रिजल्ट

पीसीएस 2015 के महत्वपूर्ण तथ्य

24

अप्रैल 2016 को आयोजित हुई थी लिखित परीक्षा इलाहाबाद व लखनऊ में

10,610

परीक्षार्थी लिखित परीक्षा में शामिल हुये थे

19

दिसंबर को आया था लिखित परीक्षा का परिणाम

635

अभ्यर्थियों को लोअर के अंतिम परिणाम में कुल अंतिम रूप से सफल घोषित किया गया था।

45 का हुआ था मनोरंजन कर विभाग में चयन जो भटक रहे हैं नौकरी के लिए

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: यूपी लोकसेवा आयोग और यूपी गवर्नमेंट की मिसअंडरस्टैंडिंग ने 45 युवाओं को त्रिशंकू बना दिया है। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि नौकरी मिली है या नहीं? रिजल्ट की ओर देखते हैं तो पता चलता है चयनित हो चुके है। लेकिन हकीकत यह है कि जिस विभाग के लिए उनका चयन हुआ था, उसका अस्तित्व ही खत्म हो चुका है। उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन ने कुछ माह पूर्व कम्बाइंड लोअर सबऑर्डिनेट एग्जाम-2015 का फाइनल रिजल्ट निकाला। इसमें 45 अभ्यर्थियों को बताया गया कि उनका चयन मनोरंजन कर निरीक्षक के पद पर हुआ है। वर्तमान स्थिति ये है कि अब उत्तर प्रदेश में मनोरंजन कर नाम का कोई विभाग ही नहीं है, जो था उसे सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट में मर्ज किया जा चुका है। अभ्यर्थियों को आश्वासन के नाम पर सिर्फ ये बताया जा रहा है इस पद पर चयनित अभ्यर्थियों के बारे अलग से निर्णय लिया जाएगा।

रिजल्ट के बाद विभाग खत्म

उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन इलाहाबाद ने कम्बाइंड लोअर सबआर्डिनेट 2015 का फाइनल रिजल्ट 13 अप्रैल को जारी किया था। परीक्षा परिणाम के छह माह बाद भी मनोरंजन कर निरीक्षक के पद पर चयनित 45 अभ्यर्थियों को नौकरी हासिल नहीं हो सकी है। मामले की पड़ताल की गई तो पता चला कि परिणाम आने के बाद 24 अप्रैल से मनोरंजन कर विभाग को ही समाप्त कर दिया गया। इस विभाग में कार्यरत समूह क, ख, ग और घ के कर्मचारियों का विलय वाणिज्य कर विभाग में कर दिया गया। लेकिन मनोरंजन कर निरीक्षकों के बारे में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया जा सका।

तीन माह में नियुक्ति का है प्राविधान

यह जानकारी चयनित अभ्यर्थियों को मनोरंजन कर विभाग के आईजीआरएस पोर्टल के जरिए प्राप्त हुई है। ऐसे में परेशान अभ्यर्थियों द्वारा प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन को पत्र लिखा गया है। उन्हें अब कहा गया है कि आमोद एवं पणकर निरीक्षकों के संबंध में अलग से निर्णय लिया जाएगा। बता दें कि उत्तर प्रदेश शासन के कार्मिक अनुभाग-04 द्वारा 15 नवम्बर 1999 को जारी कार्यालय ज्ञाप में स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि लोक सेवा आयोग द्वारा आवंटन प्राप्त होने के तीन माह के अंदर नियुक्ति आदेश जारी किया जाना सुनिश्चित किया जाए। मौजूदा हालातों में अभी चयनित अभ्यर्थियों का चिकित्सकीय एवं पुलिस सत्यापन भी नहीं करवाया जा सका है।

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-परिणाम में सर्वोच्च अंकों के आधार पर प्रथम स्थान पाने वालों में इलाहाबाद में तेलियरगंज निवासी नूरजहां थी।

-दूसरा स्थान संजय कुमार को प्राप्त हुआ था।

-तीसरे स्थान पर इलाहाबाद के ही राजेन्द्र नगर बलुआ घाट निवासी अंजनेय मिश्रा थे।

-चौथा स्थान पाने वाले में जालौन के पवन कुमार द्विवेदी थे।

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वर्जन

यह दिक्कत मनोरंजन कर विभाग का विलय होने से पैदा हुई है। आयोग का काम रिजल्ट निकालना है। हमने शासन को सूची सौंप दी है। नियुक्ति देने का काम हमारा नहीं है। अभ्यर्थियों की परेशानी मैं समझ सकता हूं।

-जगदीश, सचिव यूपी लोक सेवा आयोग