RANCH: रांची के लोगों को ख्8 दिसंबर से मोबाइल में पिक्चर व वीडियो डाउनलोड करना तथा शेयर करना और आसान हो जाएगा। क्योंकि रांची में इसी दिन से ब् जी नेटवर्क की शुरुआत हो रही है। रांची नगर निगम व ब्जी मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनी के बीच हाइमास्ट लाइट पर टावर लगाने का करार हुआ है। इसके तहत अलबर्ट एक्का चौक, कांके रोड स्थित नगर निगम पार्क सहित सिटी के विभिन्न इलाकों में ब् जी टॉवर लगाने का काम तेजी से चल रहा है।

प्रोजेक्ट भवन में शुरू होगी यह सर्विस

रांची में सबसे पहले रिलायंस जियो ब्जी सर्विस प्रोवाइड करने वाली है। इस सर्विस से सबसे पहले झारखंड सरकार के मंत्रालय प्रोजेक्ट भवन व नेपाल हाउस को जोड़ा जाएगा। इसके बाद यह सर्विस रांची में आम लोगों के लिए शुरू कर दी जाएगी।

क्या है ब् जी

मोबाइल इवोल्यूशन यानी मोबाइल नेटवर्क के विकास का फोर्थ जेनरेशन है ब् जी। यह अब तक के मोबाइल नेटवर्क की सबसे लेटेस्ट वायरलेस तकनीक है। ब् जी हाईस्पीड व्यवस्था है, जो सुपर हाई स्पीड, इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद लोगों के बीच हाई रिजोल्यूशन वीडियो कांन्फ्रेसिंग, टीवी प्रोग्राम का मोबाइल पर प्रसारण, सुपरफास्ट मल्टी यूजर गेमिंग व मल्टीमीडिया को आसान कर देगा।

ये फायदे होंगे

ब्जी सर्विस से सबसे बड़ा फायदा उपभोक्ताओं को स्पीड का होता है। डेटा के डाउनलोड होने में काफी कम टाइम लगता है। अभी तक ख् जी में डेटा ट्रांसफर की अधिकतम स्पीड महज म्ब् किलोबीट प्रति सेकंड यानी केबीपीएस थी। फ् जी में यह बढ़कर क्ब् मेगाबिट प्रति सेकंड यानी एमबीपीएस पहुंची। तेज गति से डेटा का ट्रांसफर होने से इसमें टीवी और वीडियो ब्रॉडकास्टिंग भी संभव हो पाएगा। ब् जी में डेटा ट्रांसफर की स्पीड मेगाबिट से बढ़कर गीगाबिट तक जाएगी। इसके सहारे डेटा डाउनलोड करने की स्पीड एक हजार ज्यादा गुना होगी। इससे ग्लोबल रोमिंग सर्विस भी बेहतर होगा।

मोबाइल पर मूवी देखेंगे

ब् जी में स्पीड क्00 एमबीपीएस तक जाती है। यानी इसमें आप एक हाई डेफिनेशन फिल्म को तीन मिनट से पांच मिनट में डाउनलोड कर सकते हैं। फ् जी में जो डाउनलोड करने में फ्0 मिनट लगते हैं, वहीं चीज ब् जी में फ् मिनट में डाउनलोड हो जाएगा।

समझें क्या है जी का फंडा

जी का मतलब मोबाइल नेटवर्क में जेनरेशन होता है। सबसे पहले क् जी की शुरुआत हुई।

क् जी- साल क्980 से पहले ऐनलॉग ट्रांसमिशन टेक्नोलॉजी, वायरलेस डेटा ट्रांसमिशन जैसा कुछ नहीं था। ऐसे में क् जी की शुरुआत की गई।

ख् जी- इसके बाद साल क्99क् में आई डिजिटल क्रांति ने डिजिटल ट्रांसमिशन टेक्नोलॉजी से वायरलेस डेटा ट्रांसमिट करना संभव हुआ। इस ख्जी तकनीक से एसएमएस व एमएमएस शुरू हुआ।

फ् जी- ख्00ब्-भ् के दौरान तेज रफ्तार डिजिटल ब्राडबैंड डेटा सर्विस शुरू हुई। इसमें डेटा ट्रांसमिशन स्पीड पहले से बेहतर हुई। अब ब् जी दस्तक देने जा रहा है। इसमें स्पीड क्00 एमबीपीएस हो जाएगी।