बोधगया में धमाके के 4 साल 10 माह 12 दिन के बाद आया फैसला, पांचों आतंकी दोषी करार

PATNA (25 May): बिहार के बहुचर्चित बोधगया सीरियल ब्लास्ट मामले में 4 साल 10 माह 12 दिन के बाद शुक्रवार को एनआईए कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने मामले में दोषी सभी 5 आरोपियों को दोषी करार दे दिया है। आगामी 31 मई को सजा सुनाई जाएगी।

कोर्ट सुरक्षा गई बढ़ाई

सुबह ही सभी आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच लाया गया। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए एनआईए कोर्ट की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पांच आरोपियों के खिलाफ एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार ने फैसला सुनाया। इस धमाके में एक तिब्बती बौद्ध भिक्षु और म्यांमार के तीर्थ यात्री घायल हो गए थे।

90 गवाहों ने दी गवाही

2013 में गठित एनआईए कोर्ट का यह पहला फैसला है। एनआईए ने 90 गवाहों को पेश किया। विशेष न्यायाधीश ने 11 मई 2018 को बहस पूरी होने के बाद अपना निर्णय 25 मई तक सुरक्षित रख लिया था। सीरियल लास्ट का सरगना हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी था।

ऐसे रचा गया ब्लास्ट का प्लान

सुबह बोधगया मंदिर के कपाट खुले ही थे कि 5 बज कर 25 मिनट पर धमाका हुआ।

इससे पहले कि वहां मौजूद लोग ब्लास्ट से संभल पाते रुक-रुक कर और भी धमाके हुए।

चारों ओर अफरातफरी फैल गई। लोग समझ नहीं पा रहे थे कि वो कहां भागे।

रिपोर्ट के मुताबिक, दूसरा ब्लास्ट एंबुलेंस की टंकी में, तीसरा मेन मंदिर के पास, चौथा तारादेवी मंदिर, पांचवा करमापा मंदिर में हुआ।

इसके बाद छठा और सातवां धमाका मंदिर और गेट के बीच हुआ। जबकि आठवां भगवान बुद्ध की मूर्ति के पास और नौवां एक टूरिस्ट बस के पास हुआ।

व‌र्ल्ड फेमस बोधगया मंदिर परिसर में उस दिन 30 मिनट के अंदर एक के बाद एक कर कुल 9 धमाके हुए।

इन धमाकों में दो बौद्ध भिक्षुओं समेत पांच लोग घायल हो गए। एक भिक्षु म्यांमार, तो दूसरा तिब्बत से था।

=धमाके उतने ताकतवर नहीं थे, लेकिन जिस पेड़ के नीचे भगवान बुद्ध ने बैठकर तपस्या की थी, उस पर जरूर ब्लास्ट का असर हुआ।