शिक्षा का अधिकार
शिक्षा का अधिकार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की देन है। मनमोहन सिंह के कार्यकाल में राइट टु एजुकेशन यानी शिक्षा का अधिकार अस्तित्व में आया। इसके तहत 6 से 14 साल के बच्चे को शिक्षा का अधिकार सुनिश्चित किया गया। कहा गया कि इस उम्र के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा दी ही जाएगी।
भारत-अमेरिका की न्यूक्लियर डील
भारत-अमेरिका के बीच न्यूक्लियर डील पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा किए गए पांच महत्वपूर्ण कामों में से एक है। गठबंधन सरकार के तमाम प्रेशर के बीच भारत ने इंडो यूएस न्यूक्लियर डील को अंजाम दे दिया। साल 2005 में जब इस डील को अंजाम दिया गया उसके बाद भारत न्यूक्लियर हथियारों के मामले में एक ताकतवर देश बनकर उभरा। उस दौरान यूएस में जॉर्ज बुश राष्ट्रपति थे। इस डील के तहत यह सहमति बनी थी कि भारत अपनी इकॉनमी की बेहतरी के लिए सिविलियन न्यूक्लियर एनर्जी पर काम करता रहेगा।
आर्थिक सुधार
2004 से 2014 के बीच देश में हुए सभी आर्थिक सुधारों का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को जाता है। जब उन्होंने प्रधानमंत्री का पद संभाला उस समय देश का राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 8.5 के आसपास था। एक वर्ष में ही उन्होंने इसे 5.9 फीसदी पर लाने में कामयाबी हासिल की। 1991 में मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री का पदभार संभाला था जिसके बाद उन्होंने देश में आर्थिक क्रांति ला दी थी। ग्लोबलाइजेशन की शुरुआत का श्रेय भी इन्हीं को जाता है। विश्व बजार से भारतीय अर्थव्यवस्था को जोड़ने के बाद उन्होंने आयात-निर्यात के नियमों को भी सरल बनाया। उन्होंने घाटे में चलने वाले पीएसयू के लिए नई नीतियां बनाईं।
रोजगार गारंटी योजना
देश जब बेरोजगारी के चलते हांफ रहा था तो रोजगार गांरटी योजना लाकर उन्होंने देश को नई ऊर्जा दी। इस योजना में सौ दिन का रोजगार और 100 रुपये न्यूनतम दैनिक मजदूरी तय की गई। इससे पूर्व इसे राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम कहा जाता था। 2 अक्टूबर 2009 में इसका पुन: नामकरण हुआ। इस योजना में पुरुषो और महिलओ को समान रूप से रोजगार देने की बात कही गई थी। यदि सरकार काम नहीं देती है तो बदले में बेरोजगारी भात्ता देने की भी योजना शुरु हुई। ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत महात्मा गांधी नेशनल रूरल एंप्लॉयमेंट गारंटी एक्ट 2005 भी मनमोहन सिंह के कार्यकाल में शुरू की गई थी। यह योजना 2 फरवरी 2006 को 200 जिलों में शुरू हुई। 2007-2008 में 130 अन्य जिलों में इसे फैलाया गया। 1 अप्रैल 2008 को भारत के सभी 593 जिलों में इसे लागू कर दिया गया।
आधार कार्ड योजना
भारत में आधार कार्ड योजना लाने का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जाता है। यूएन ने आधार की तारीफ करते हुए कहा था कि यह भारत की बेहतरीन स्कीम है। वर्तमान में केन्द्र सरकार ने आधार कार्ड को हर जगह अनिवार्य कर दिया गया है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण सन 2009 में कांग्रेस की सरकार के समय गठित किया गया था। योजना का उद्देश्य देश के हर व्यक्ति को एक नंबर के जरिए पहचान देना और प्राथमिक तौर पर प्रभावशाली जनहित सेवाएं पहुंचाने के लिए इसे शुरू किया था। पैन नंबर, मोबाइल नंबर, बैंक खातों सभी को आधार से लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया है। डेथ सर्टिफिकेट बनवाने के लिए भी आधार को अनिवार्य कर दिया गया है।
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