- ज्वैलरी पर पांच निशान आपके गोल्ड की प्योरिटी की कराते हैं पहचान

- हर कैरेट में अलग-अलग फीसदी सोना

- हॉलमार्क ज्वैलरी में भी हो जाता है खेल

Meerut : गोल्ड ज्वैलरी हर हर किसी की पहली पसंद होती है। अब तो यूथ भी इस ओर काफी आकर्षित हो रहा है। उन्हीं को ध्यान में रखते हुए डिजाइन और स्टाइलिश ज्वैलरी बनाई जा रही है। अक्सर गोल्ड की खरीद में लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं। इसी को रोकने के लिए सरकार ने हॉलमार्क स्कीम लागू की। हॉलमार्क यानि भरोसे का सौदा सोच कर लोग हॉलमार्क ज्वैलरी खरीदते हैं, लेकिन सिर्फ हॉलमार्क ज्वैलरी पर ही भरोसा नहीं किया जा सकता है।

हो सकते हैं ठगी का शिकार

अक्षय तृतीया पर गोल्ड का बाजार गुलजार होना शुरू हो गया है। वहीं इस मौके पर पब्लिक भी अपने मन पसंद गोल्ड ज्वैलरी खरीदने का प्लान बना रही है। गोल्ड ज्वैलरी को खरीदने से पहले ध्यान नहीं दिया तो आप ठगी का शिकार भी हो सकते हैं। अब तक तो नॉर्मल ज्वैलरी पर ही लोगों को ठगा जाता था। अब हॉलमार्क ज्वैलरी पर भी ठगे जा सकते हैं। ज्वैलर्स हॉलमार्क ज्वैलरी पर आपको चूना न लगा दें, इसके लिए कुछ अहम बातों की जानकारी आपके लिए बेहद अहम है।

जरूरी है कैरेट्स की जानकारी

ज्वैलर्स के पास ज्वैलरी क्ब् से ख्ब् कैरेट के बीच होती है। गोल्ड प्योरिटी की परसेंटेज के आधार पर गोल्ड का कैरेट डिसाइड होता है। एमएलएसएस के सीईओ विभोर ने बताया अक्सर लोगों को गोल्ड के कैरेटवाइज रेट और गोल्ड प्योरिटी की जानकारी नहीं होती। ऐसे में कई बार अनजाने में लोग नुकसान का सौदा कर बैठते हैं। जोधामल ज्वैलर्स के मालिक मयूर जैन ने बताया कि महज हॉलमार्क का निशान ही सब कुछ नहीं है। हॉलमार्क गोल्ड ज्वैलरी पर स्टैंप में भी खेल होता है। ज्वैलरी पर पांच तरह की डिफरेंट स्टैंप्स गोल्ड की प्योरिटी और विश्वसनियता की निशानी होती है। इन्हीं स्टैंप्स में सबसे ज्यादा खेल होता है, जिसका अंदाजा उपभोक्ता नहीं लगा सकते। इसी वजह से नॉर्मल ज्वैलरी के साथ हॉलमार्क ज्वैलरी में भी भारी नुकसान झेलना पड़ जाता है।

यह पांच स्टैंप जरूर देखें

- हॉलमार्क ज्वैलरी पर गवर्नमेंट हॉलमार्क लोगो।

- ज्वैलरी पर गोल्ड का प्योरिटी परसेंटेज।

- हॉलमार्क प्रदान करने वाले सेंटर की मुहर।

- हॉलमार्क ज्वैलरी प्रोडक्शन ईयर की स्टैंप।

- ज्वैलरी डीलर की मुहर।

अपने स्टैंप नहीं लगाते

अगर किसी ज्वैलरी में गोल्ड प्योरिटी में खेल होगा तो केवल तीन या दो स्टैंप ही आपको नजर आएंगी। ज्वैलर्स से हॉलमार्क सेंटर की मुहर और डीलर की मुहर ज्वैलरी पर प्रिंट नहीं होगी। एक्सप‌र्ट्स की मानें तो जिस ज्वैलरी की प्योरिटी में खेल होता है, वहां सेंटर अपनी विश्वनियता खराब न हो इसके लिए अपनी मुहर नहीं लगाता। इसी तरह से डीलर भी अपनी साख को देखते हुए और आगे के कानूनी झंझटों से बचने के लिए अपनी स्टैंप गायब कर देते हैं। इसलिए जब भी ज्वैलरी खरीदने जाएं तो पांच अलग-अलग तरह की स्टैंप को जरूर जांच लें।

ये है प्योरिटी लेवल

कैरेट गोल्ड प्योरिटी

क्ब् कैरेट भ्8.फ्फ्

क्म् कैरेट म्म्.म्म्

क्7 कैरेट 70.8फ्

क्8 कैरेट 7भ्.00

क्9 कैरेट 79.क्म्

ख्0 कैरेट 8फ्.फ्फ्

ख्क् कैरेट 87.भ्0

ख्ख् कैरेट 9क्.म्म्

ख्फ् कैरेट 9भ्.8फ्

ख्ब् कैरेट 99.90

प्योर ज्वैलरी की सही पहचान पांच तरह के स्टांप से आसानी से लगाई जा सकती है। अगर कोई ये कहकर सोना बेच रहा है कि वो प्योर है तो ज्वैलरी पर सभी तरह के निशान देखकर ही ज्वैलरी खरीदें।

- मयूर जैन, ऑनर, जोधामल ज्वेलर्स

कई लोगों को इस बारे में काफी कम जानकारी होती है इसलिए वो प्योरिटी के मामले में धोखा खा जाते हैं। जांच परखकर ही गोल्ड खरीदा जाएगा तो खरीदने वाला काफी फायदे में रहेगा।

- विभोर, सीईओ, एमएलएसएस ज्वैलर्स