छात्र संगठन से जुड़े

राजनीति की दुनिया में अटल बिहारी वाजपेयी हमेशा ही सर्वश्रेष्ठ माने गए हैं। जवाहरलाल नेहरू के बाद इनको देश का दूसरा स्टेट्समैन कहा जाता है। इन्होंने देश में हिंदी को बढावा देने के लिए अथक प्रयास किए हैं। इनके पिता पंडित कृष्ण बिहारी वाजपेयी पेशे से शिक्षक थ्ो और इनकी मां 'कृष्णा देवी' घरेलू महिला थीं। यह सात भाई बहन हैं। साहित्यिक प्रकृति के अटल जी शुरूआती दौर में 'छात्र संगठन' से जुड़े। यह स्वयं सेवक संघ के नारायण राव तरटे से काफ़ी प्रभावित होने के बाद इससे जुड़ गए। यह एक कवि पत्रकार और साहित्यकार के रूप में जाने गए हैं।

कानपुर से शिक्षा पूरी

अटल बिहारी इंटरमीडिएट करने के बाद अटल जी ने 'विक्टोरिया कॉलेज' में स्नातक स्तर की शिक्षा ग्रहण की। उन्होंने संस्कृत, हिन्दी एवं अंग्रेज़ी विषय में स्नातक किया। 1943 में वाजपेयी जी कॉलेज यूनियन के सचिव और 1944 में उपाध्यक्ष चुने गए। अटल जी ने कानपुर से भी शिक्षा ग्रहण की है। उन्होंने राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर स्तर की शिक्षा प्राप्त की। इसके अलावा उन्होंने एम. ए. तथा एलएल. बी. में एक साथ प्रवेश लिया। उन्होंने कानपुर के डी. ए. वी. महाविद्यालय से कला में स्नातकोत्तर उपाधि भी प्रथम श्रेणी में प्राप्त की।

13 दिन के पीएम

1953 में कश्मीर मसले पर उन्होंने अहम भूमिका निभाई। इस दौरान उन्होंने जनसंघ की कमान भी संभाली। भाजपा की कमान संभालते हुए वह 1957 में पहली बार लोकसभा पहुंचे। इस दौरान अटलजी ने संसद में कश्मीर मुद्दे पर अपने विचार प्रकट किए और सांसदों ने उन्हें ध्यान से सुना भी। इसके बाद उनका राजनीतिक सफर चल पड़ा। कई चुनाव हारे व कई जीते। 21 मई, 1996 को उन्होंने प्रधानमंत्री के पद की शपथ ग्रहण की। हालांकि बहुम न सिद्ध हो पाने से वह महज 13 दिनों तक ही प्रधानमंत्री रहे।

जय जवान जय किसान

इसके बाद 1998 में दूसरी बार प्रधानमंत्री बने। इस बार13 महीने की सरकार जयललिता के समर्थन वापस लेने के कारण गिरी। अटल जी 1999 में तीसरी बार प्रधानमंत्री बने और कार्यकाल पूरा किया। 1998 में इन्होंने विश्व को भारत की परमाणु क्षमता का अहसास कराया। इसके अलावा अटलजी ने जय जवान, जय किसान का नारा देकर पूरी देश में जोश भरने का काम किया। इतना ही नहीं उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में 'ब्रेन ड्रेन' को रोकने का कदम उठाया। उन्होंने युवाओं से कई बार अपील की देश में रहकर ही तरक्की का रास्ता खोजें।

ये मिले सम्मान

अटल जी ने पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए। उन्होंने पाक को अच्छी तरह से समझा दिया था कि भारत से युद्ध करके जीतना उसके लिए नामुमकिन है। इतना ही नहीं उन्होंने पाक के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ़ को आगरा में शिख़र वार्ता के लिए आमंत्रित किया। राजनीति में अमूल्य योगदान को लेकर पहचान बनाने वाले अटल बिहारी को भारत सरकार ने हाल ही में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त ये पद्म विभूषण से भी सम्मानित हैं।

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