--राज्य सरकार ने जारी किया शिक्षक स्थानांतरण नीति का ड्राफ्ट

- नेतरहाट, कस्तूरबा, मॉडल विद्यालयों पर प्रभावी नहीं होगी नीति

- वर्ष में सिर्फ एक बार निर्धारित महीने में ही होगा स्थानांतरण

- तबादला नीति पर आपत्ति और सुझाव के लिए गठित हुई समिति

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रांची : जिन किसी भी शिक्षक का 20 वर्षो या उससे अधिक की सेवा बची है, उन्हें संपूर्ण सेवाकाल में एक बार नक्सल प्रभावित क्षेत्र के विद्यालयों में कम से कम पांच साल सेवा देनी होगी। इससे इतर इन क्षेत्रों में न्यूनतम पांच वर्षो की सेवा दे चुके शिक्षकों का स्थानांतरण अन्य विद्यालयों में किया जाएगा। नक्सल क्षेत्र में पदस्थापित किये जाने वाले शिक्षकों को वेतन तथा ग्रेड पे में 7.5 फीसद का अतिरिक्त लाभ मिलेगा। शिक्षकों के तबादले के लिए तैयार नीति में ये प्रावधान किए गए हैं।

छह जोन में बंटे स्कूल्स

गुणवत्तापूर्ण शिक्षण, शिक्षक-छात्र अनुपात, शिक्षकों की सुविधा आदि को केंद्र में रखकर तैयार शिक्षक स्थानांतरण नीति का ड्राफ्ट सरकार ने मंगलवार को जारी कर दिया है। नीति में शिक्षकों का स्थानांतरण वर्ष में सिर्फ एक बार निर्धारित महीने में ही करने का प्रावधान किया गया है। स्थानांतरण प्रक्रिया को सुलभ बनाने के निमित राज्य के विद्यालयों को छह अलग-अलग जोन में बांटा गया है। पूरे सेवाकाल में दिव्यांग तथा महिलाओं को जहां उनके इच्छित विद्यालय में स्थानांतरण किया जा सकेगा वहीं पूरे सेवा काल में शिक्षकों को सिर्फ एक बार स्थानांतरण के विकल्प का उपयोग करने की छूट मिलेगी।

समिति गठित

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से तैयार यह नीति नेतरहाट, कस्तूरबा गांधी विद्यालय, मॉडल विद्यालय, झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय जैसे विशेष कोटि के विद्यालयों के लिए प्रभावी नहीं होगी। नीति पर शिक्षकों की आपत्ति अथवा सुझाव लेने के लिए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है, जिसमें कमेटी के उप निदेशक अरविंद झा, क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक, दक्षिणी छोटानागपुर अरविंद झा तथा रांची डीइओ शामिल किए गए हैं। नीति के अनुसार प्रत्येक शिक्षक की एक विद्यालय में पदस्थापन की सामान्य अवधि पांच वर्ष होगी।

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पांच विद्यालयों का विकल्प देंगे शिक्षक

नीति के अनुसार सभी जिलों के डीइओ तथा डीएसई द्वारा एक से 15 जनवरी के बीच विद्यालयों की रिक्तियां उपलब्ध कराई जाएगी। स्थानांतरण की अर्हता पूरी करने वाले जिला स्तरीय संवर्ग के शिक्षक पदस्थापन वाले विद्यालय को छोड़कर पांच विद्यालयों का नाम विकल्प के तौर पर देंगे। जांच के बाद एक से 30 अप्रैल के बीच स्थानांतरण आदेश अनिवार्य रूप से जारी कर दिया जाएगा। राज्य संवर्ग के शिक्षकों के मामले में डीइओ सात अप्रैल से पूर्व माध्यमिक शिक्षा निदेशक को ऑनलाइन आवेदन उपलब्ध कराएंगे।

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नीति की खास बातें

- तबादला नीति सरकारी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत तथा पदस्थापित होने वाले प्राचार्य, प्रधानाचार्य एवं सभी कोटि के सहायक शिक्षकों पर प्रभावी होगी।

- राज्य स्तरीय संवर्ग का स्थानांतरण राज्य के किसी भी विद्यालय किया जा सकेगा।

- जिला स्तरीय संवर्ग के शिक्षकों का स्थानांतरण जिला संवर्ग से बाहर नहीं होगा। इस संवर्ग के लिए सिर्फ अंतर जिला स्थानांतरण के प्रावधान प्रभावी होगा।

- स्थानांतरण करते वक्त छात्रहित को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।

- किसी शिक्षक द्वारा किसी विशेष क्षेत्र के विद्यालय में स्थानांतरण/पदस्थापन का अधिकार नहीं माना जाएगा।

- प्रथम पदस्थापन के बाद शिक्षकों की सेवा स्थानांतरणीय नहीं होगी।

- अनुशासनहीनता अथवा कर्तव्यहीनता का आरोप प्रमाणित होने पर सहायक शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक का स्थानांतरण सक्षम प्राधिकार द्वारा किसी अन्य विद्यालय में किया जा सकेगा। शिक्षकों तथा प्रधानाध्यापक के अनुरोध पर किसी का तबादला नहीं हो सकेगा।

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ट्रांसफर के लिए छह जोन में बंटे विद्यालय

जोन एक : जिला मुख्यालय/नगर निगम/नगरपालिका क्षेत्र में अवस्थित विद्यालय।

जोन दो : जिला मुख्यालय/नगर निगम/नगरपालिका क्षेत्र के 10 किलोमीटर की परिधि में मौजूद विद्यालय।

जोन तीन : जिला मुख्यालय/नगर निगम प्रक्षेत्र के निकटवर्ती प्रखंड/नगर पंचायत/नगर परिषद में अवस्थित विद्यालय।

जोन चार : प्रखंड मुख्यालय के पांच किलोमीटर की परिधि में मौजूद विद्यालय।

जोन पांच : प्रखंड मुख्यालय के पांच से 15 किलोमीटर की परिधि में अवस्थित विद्यालय।

जोन छह : प्रखंड मुख्यालय के 15 किलोमीटर की दूरी में अथवा नक्सल प्रभावित प्रक्षेत्र में मौजूद विद्यालय।

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