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PATNA: एक बार फिर पटना डूबने के लिए तैयार है। नगर निगम के अनुसार शहर के 80 फीसदी एरिया में नाला उड़ाही हो चुकी है लेकिन जब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने जायजा लिया तो पता चला कि अभी 50 फीसदी एरिया में नाला उड़ाही का काम हुआ ही नहीं है। ऐसे में अगर बारिश शुरू हो जाए तो पटना को एक बार फिर डूबने से कोई नहीं रोक सकता है। जल जमाव से बचने के लिए बड़े नालों के साथ छोटे नालों की भी उड़ाही होनी थी। जिसमें बोर्ड कॉलोनी, पटना सिटी सहित कई इलाके शामिल है। छोटे नालों की गंदगी बड़े नाले में गिरकर जाम कर देता है। जिस वजह से बारिश में घर से निकलना मुश्किल हो जाता है। 4 माह गुजरने के बाद भी उड़ाही का काम पूरा नहीं हो सका है।

नाले में कचरे का अंबार

शास्त्री नगर, मीठापुर बस स्टैंड के नाले में जल कुंभी और घास उग गया है। दरोगा राय पथ और एजी ऑफिस के पीछे से निकलने कर मंदीरी नाले में मिलने वाले नाले का उड़ाहीकरण कार्य भी जस का तस पड़ा है। पाटलिपुत्रा, सचिवालय हाल्ट के पास बने नाले किनारे दर्जनों खटाल अतिक्रमण है। जिसे सरकार की ओर से हटाने की आदेश पारित हुआ था। जो आज तक पूर्ववत है। इंद्रपुरी नाले का हाल भी वैसे ही है।

सफाई के नाम पर खानापूर्ति

दरगाह रोड स्थित नाला की स्थिति को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे उड़ाही के नाम पर खानापूर्ति की गई हो। जमीनी सतह से कुछ नीचे पानी गंदा पानी बह रहा था। स्थानीय निवासी बबीता देवी ने बताया कि दरगाह रोड नाले में नगर निगम के कर्मचारी ने उड़ाही के नाम पर खानापूर्ति किया है। नाला की ठीक ढंग से सफाई नहीं की गई है। अगर यही स्थिति रही तो बारिश में घर से निकलना मुश्किल हो जाएगा।

अभी तक शुरू नहीं हुई नाला उड़ाही

नूतन राजधानी एरिया के क्षेत्र स्थित नार्थ एसके पुरी, पटेलनगर, पाटलिपुत्रा कॉलोनी के कुछ हिस्से में नाला उड़ाही करना प्रस्तावित था क्योंकि कई जगहों पर नाला

कचरा से भरा हुआ है। बारिश के दिनों में नाले का पानी सड़क पर बहने लगता है। मगर नगर निगम की लापरवाही के चलते आज तक यहां पर नाला उड़ाही का काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है।