-खनन में कौशल विकास से बढ़ेगी संपन्नता : मुख्य सचिव

-नई नीति से इस क्षेत्र में बढ़ी रोजगार की संभावनाएं : वर्णवाल

रांची : राज्य सरकार इस साल खनन क्षेत्र में पांच हजार युवाओं का कौशल विकास कर उन्हें रोजगार देगी। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 12 जनवरी 2019 को एक लाख युवाओं को कौशल विकास कराकर नियुक्ति पत्र देने का लक्ष्य दिया है, जिनमें से पांच हजार युवाओं को खनन क्षेत्र में रोजगार दिया जाएगा। झारखंड कौशल विकास मिशन सोसाइटी द्वारा स्किल एक्सीलेंस इन माइनिंग सेक्टर विषय पर आयोजित कार्यशाला में ये बातें कहीं गई। कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि झारखंड में खनन कौशल विकास का स्वाभाविक क्षेत्र है। इस क्षेत्र में युवाओं का कौशल विकास कर न केवल उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है, बल्कि राज्य को भी आर्थिक संपन्न बनाया जा सकता है। उन्होंने कौशल विकास के लिए विविध शोध कार्यो को लागू कर झारखंड को स्किल हब के रूप में स्थापित करने पर जोर दिया।

नई खनन नीति

इससे पहले, उद्योग एवं खान विभाग के सचिव सुनील वर्णवाल ने कहा कि भारत सकार की नई खनन नीति तथा इसमें निजी संस्थाओं के प्रवेश से इस क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने खासकर माइनर मिनरल के क्षेत्र में अधिक रोजगार मिलने की बात कही। कार्यशाला में राज्य सरकार के साथ एमओयू करनेवाली आस्ट्रेलिया की संस्था टेक्निकल एंड फरदर एजुकेशन (टीएएफई) क्वींसलैंड के प्रतिनिधि क्रोहेन क्रिस्टोफर तथा खनन क्षेत्र स्किल काउंसिल के सीईओ एके भंडारी ने खनन क्षेत्र में कौशल विकास पर अलग-अलग प्रस्तुतीकरण दिया। कार्यशाला को मिशन निदेशक रविरंजन सीईओ अमर झा आदि ने भी संबोधित किया।

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पांच वर्षो में 70 हजार लोगों की आवश्यकता

उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि अगले पांच वर्षो में खनन के क्षेत्र में 70 हजार युवाओं की आवश्यकता होगी। इससे इस क्षेत्र में कौशल विकास की संभावनाओं का अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस साल 12 जनवरी को आयोजित स्किल समिट में 26 हजार युवाओं को रोजगार तो दिया गया, लेकिन उसमें इस क्षेत्र की भूमिका नगण्य रही। उन्होंने इस क्षेत्र के लोक उपक्रमों एवं निजी कंपनियों से युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण देने का आह्वान करते हुए कहा कि राज्य सरकार इसके लिए आर्थिक मदद भी देगी।

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