- हाल-ए-मेडिकल कॉलेज

- मेडिकल कॉलेज प्रशासन की व्यवस्थाओं का दावा हवा हवाई

- फटे गद्दे, गायब चादर दे खोल रहे पोल

GORAKHPUR: बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का दावा करने वाला मेडिकल कॉलेज प्रशासन कुछ खामियों को देखना ही नहीं चाहता। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक जहां मेडिकल कॉलेज में सर्जिकल सामन खत्म होने के कगार पर है। वहीं दूसरी ओर व्यवस्थाएं भी पूरी तरह चरमरा गई हैं। पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्री और प्रमुख सचिव का इंस्पेक्शन हुआ लेकिन वह सिर्फ इंसेफेलाइटिस तक जाकर सिमट गया। वार्डो की बदहाली पर अब तक किसी नजर नहीं मिली।

प्रवेश करते ही खुल गई पोल

दोपहर करीब 1 बजे आई नेक्स्ट रिपोर्टर वार्ड की हकीकत जानने मेडिसिन वार्ड 9 में पहुंचा। वार्ड में एंटर होते ही बेड पर भर्ती कुछ मरीजों का डॉक्टर चेकअप कर रहे थे और उनकी जानकारी ले रहे थे। मगर किसी ने भी उनसे पेशेंट्स को मिलने वाली सुविधाओं पर तनिक भी गौर नहीं किया। दो मिनट तक टकटकी लगाकर पेशेंट्स की ओर देखते रहे। डॉक्टर्स के आगे बढ़ते ही रिपोर्टर उनके बेड पर पहुंचा और सुविधाओं के बारे में पूछा तो पेशेंट्स कुछ बोलने को तैयार नहीं हुए। पेशेंट से नाम पूछने की कोशिश की तो उसने नाम बताने तक से इनकार कर दिया। दबे जुबान से बोला कि सब कुछ आप के आंख के सामने है। नजर दौड़ाए तो सारी हकीकत सामने साफ है।

फटे गद्दे व बेड पर गंदगी

जब रिपोर्टर यहां से थोड़ा आगे बढ़ा तो वार्ड के सामने बाथरूम था। उससे पहले दोनों तरफ दस बेड खाली पड़े थे। इसके बगल में चार पेशेंट बिना चादर के ही बेड पर लेटे थे। बेडों की हालत इतनी खराब थी कि उस पर कोई लेट जाए तो वह बीमार हो जाए। इस बीच पेशेंट्स के साथ आये तीमारदार एक कोने पर बैठकर आपस में बात कर रहे थे। वहीं स्टाफ रूम पर नर्स और हेल्थ एंप्लाइज बैठकर हालचाल ले रहे थे।

बोलने पर मिलती है फटकार

नाम ना छापने की शर्त पर देवरिया जिले से आये एक तीमारदार ने बताया कि सच बोलने पर डर लगता है। पह इसलिए कि मेरे पेशेंट का इलाज चल रहा है। डर लगता है कि कुछ बोल दिया तो उसे बाहर ना कर दें। इस वजह से कुछ भी नहीं कह सकता। कई बार सच बोलने का अंजाम तीमारदार भुगत चुके हैं। जिम्मेदार अफसर यहां की हकीकत के बारे में जानते हैं, लेकिन वह भी चुप्पी साधे हुए हैं।

मुझे इसके बारे में जानकारी नहीं है। यदि पेशेंट्स को चादर नहीं दिए जा रहे हैं और गद्दे फटे है तो इस संबंध मे जिम्मेदार से बात की जाएगी। वार्ड में जो भी कमियां है। उसे तत्काल दूर कर लिया जाएगा।

डॉ। आर पी शर्मा, प्राचार्य