PATNA: मेडिकल इंट्रेंस टेस्ट में अच्छी रैंक पाकर बिहार के नंबर 1 मेडिकल कॉलेज आईजीआईएमएस में एडमिशन लिया। एमबीबीएस के फ‌र्स्ट ईयर से लेकर थर्ड ईयर तक कॉलेज का नाम रोशन किया। पहले ही प्रयास में यूपीएससी का प्री और मेंस दोनों क्वालीफाई कर लिया। बचपन से किसी भी एग्जाम में फेल न होने वाला स्टूडेंट क्या एमबीबीएस फाइनल ईयर में फेल हो सकता है। यह सवाल किसी एक स्टूडेंट का नहीं है, आईजीआईएमएस के 56 स्टूडेंट ने यह सवाल उठाया है। क्योंकि सभी 56 स्टूडेंट को एक-दो नंबर से फेल कर दिया गया है। अधिकांश स्टूडेंट्स इंटरनल मा‌र्क्स के कारण फेल हुए है, जो कि कॉलेज को देना होता है। हंगामा होने के बाद फेल हुए 56 स्टूडेट्स में से 16 को ग्रेस मा‌र्क्स देकर पास कर दिया गया। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि एमबीबीएस फाइनल ईयर के गायनकोलॉजी पेपर को 96 स्टूडेंट्स ने दिया था, जिसमें से 40 स्टूडेंट फेल हो गए।

1-2 नंबर से किया फेल

एमबीबीएस (2014-2019) के फाइनल ईयर स्टूडेंट्स का आरोप है कि मैनेजमेंट द्वारा जानबूझकर फेल किया गया है। पिछले तीन साल से तीन सीनियर को भी फेल किया जा रहा है। 40 स्टूडेंट्स गायनकोलॉजी में फेल हुए है। ये सभी स्टूडेंट्स गायनकोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी पर जानबूझकर फेल करने का आरोप लगा रहे हैं। तीन सब्जेक्ट में स्टूडेंट्स फेल हुए है। गायनकोलॉजी में 40 स्टूडेंट फेल हुए। मेडिसिन सब्जेक्ट में 28 और सर्जरी सब्जेक्ट में 12 फेल हुए है।

पहले आए अच्छे मा‌र्क्स, अब हो गए फेल

केस-1

एक छात्र ने बताया कि फ‌र्स्ट ईयर में मेरा 61, सेकंड ईयर में 60 और थर्ड ईयर में 61 परसेंट मा‌र्क्स आए हैं। इसके बाद फाइनल इयर में फेल कर दिया गया है।

केस -2

एक छात्र ने बताया कि मेरा फ‌र्स्ट ईयर में 62, सेकंड में 63 और थर्ड ईयर में 61 परसमेंट मा‌र्क्स आया है। फाइनल ईयर में मैंने कॉपी अच्छी लिखी थी इसके बाद भी मुझे फेल कर दिया गया।

केस-3

एक छात्र ने बताया कि कॉलेज प्रबंधन मनमानी कर रहा है। मेरा फ‌र्स्ट ईयर में 68, सेकंड में 58 और थर्ड ईयर में 63 परसेंट मा‌र्क्स आए फिर भी फाइनयल ईयर में फेल हो गया।

केस-4

मैंने तो यूपीएससी का प्री और मेंस दोनों क्वालीफाई कर लिया है। एमबीबीएस के तीनों साल में भी मेरे बहुत अच्छे नंबर हैं। मैं तो इंटरव्यू की तैयारी कर रहा था। लेकिन एमबीबीएस के फाइनल ईयर में ही फेल कर गया।