-डीडीयूजीयू में एडमिशन लेने के लिए बीए, बीकॉम, बीएससी बायो व मैथ कैंडिडेट्स की लगी कतार

GORAKHPUR: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी में एडमिशन की चाह रखने वाले कैंडिडेट्स पहले दिन दाखिले के लिए अपने एलॉटमेंट और डाक्यूमेंट्स के साथ दीक्षा भवन पहुंचे। यूजी में दाखिला लेने वाले बीए स्ट्रीम में जहां पहले 356 सीट पर कैंडिडेट्स के दाखिला हुआ। वहीं, बीएससी (मैथ) में 58 सीट पर एडमिशन हुआ। इसी प्रकार बीएससी (बॉयो) में महज 30 सीट पर ही एडमिशन हुआ। बीएससी (होम साइंस) में 5 सीट पर दाखिला हुआ। वहीं, बीबीए कोर्स के लिए 9 सीट पर दाखिला हुआ। लेकिन पहले दिन के एडमिशन में बीसीए का खाता ही नहीं खुला।

हंटर गाड़ी से आए थे भौकाल जमाने

दीक्षा भवन में एडमिशन सुबह 9.30 बजे स्टार्ट हो चुका था। वहां एडमिशन के लिए आए कैंडिडेट्स को लुभाने के लिए स्टूडेंट्स लीडर हंटर गाड़ी से नेतागिरी चमकाते नजर आए। वहीं, चीफ प्राक्टर प्रो। गोपाल प्रसाद के सामने स्टूडेंट्स लीडर्स अपनी राजनीति सेंकते रहे और वह देखते रहे। नेतागिरी चमकाने वाले स्टूडेंट लीडर्स को चीफ प्राक्टर नसीहत देते हुए थोड़ी हिम्मत जुटाए लीडर्स के आगे वह बेबस नजर आए।

कोर्स - सीट आक्यूपॉयड

बीए - 356

बीएससी (मैथ)- 58

बीएससी (बॉयो) - 30

बीकॉम - 125

बीबीए - 9

बीसीए - 0

बीएससी (होमसाइंस) - 5

कुल - 583

कोट्स

यूनिवर्सिटी में पढ़ने की ख्वाहिश है। डाक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन के बाद दाखिला लूंगा। हेल्प डेस्क बनाया गया है। लेकिन किसी प्रकार की कोई हेल्प नहीं मिली।

कामिनी, बीए कैंडिडेट

एडमिशन प्रोसेज के लिए यूनिवर्सिटी की तरफ से वेबसाइट पर जानकारी नहीं दी गई है। न्यूज पेपर पढ़कर डाक्यूमेंट्स कंप्लीट किया गया है। यहां आने पर हेल्प डेस्क बनाया तो गया है लेकिन डाक्यूमेंट्स की फाइल बनाने में हेल्प नहीं मिली।

हरिशंकर, बीए कैंडिडेट

एनएसएस की तरफ से हेल्प डेस्क बनाया गया है, लेकिन वालेंटियर्स हेल्प करने के बजाए सेल्फी खिचंवा रहे थे। जबकि उन्हें हेल्प करना चाहिए था।

काजल, कामर्स, कैंडिडेट

यूनिवर्सिटी में पढ़ने का एक अलग मजा है। मेरी इच्छा है कि यूनिवर्सिटी में पढूं। सारे डाक्यूमेंट्स के साथ जब दीक्षा भवन में पहुंचा तो सारी व्यवस्था थी। लेकिन स्टूडेंट्स लीडर अपनी राजनीति चमकाने से बाज नहीं आए।

आकाश सिंह, बीए कैंडिडेट