दौड़ रहे हैं 30,000 ऑटो
सिटी में करीब 30,000 ऑटो दौड़ रहे हैं। यहां 30 ऑटो एंड टेम्पो स्टैंड हैं, जिनमें सात स्टैंड तो केवल साकची एरिया में ही हैं। वैसे ऑटो यूनियन का कहना है कि सिटी में केवल 25,000 के करीब ऑटो स्टैंड से रिलेटेड हैं। इसके अलावा कई ऑटो ऐसे भी हैं जो स्टैंड से रिलेटेड नहीं हैं।

नहीं है परमिट और न ही टैक्स टोकन
सिटी में दौड़ रहे कुल ऑटो में से केवल आधे के पास प्रॉपर परमिट है। डीटीओ जॉर्ज कुमार का कहना है कि कई ऐसे ऑटो और टेम्पो हैं जिनका टैक्स टोकन एक्सपायर है और कई का तो प्रॉपर परमिट भी नहीं है। डीटीओ के मुताबिक सिटी में करीब 50 परसेंट ऑटो और टेम्पो के पास प्रॉपर डॉक्यूमेंट नहीं हैं।

आंकड़ों का हेर-फेर
ट्रांसर्पोट डिपार्टमेंट के आंकड़ों के मुताबिक 2003 से लेकर अभी तक केवल 16,0192 थ्री व्हीलर्स का ही रजिस्ट्रेशन हुआ है। डीटीओ जॉर्ज कुमार ने कहा कि बिना रजिस्ट्रेशन के कोई भी गाड़ी का रोड पर चलना सम्भव नहीं है, क्योंकि रजिस्टे्रशन नहीं होने का मतलब है कि गाड़ी का नंबर नहीं होना। वैसे अगर ऐसी बात है तो जल्दी ही चेकिंग अभियान चलाकर ऐसे ऑटो और टेम्पो की धर-पकड़ की जाएगी।

रेवेन्यू कलेक्शन में हो रहा लॉस
आधे ऑटो और टेम्पो वालों के पास परमिट और टैक्स टोकन नहीं होने से रेवेन्यू कलेक्शन में भी काफी लॉस हो रहा है। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो 2001 से लेकर अभी तक में 2008-09 और 2009-10 को छोडक़र किसी भी साल में झारखंड ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट द्वारा 75 परसेंट भी रेवेन्यू जेनरेट नहीं किया जा सका है।

नहीं की जाती चेकिंग
बिना प्रॉपर डॉक्यूमेंट के दौड़ रही ऑटो और टेम्पो की धर-पकड़ के लिए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की ओर से किसी तरह का चेकिंग अभियान नहीं चलाया जा रहा है। हालांकि, ट्रैफिक डिपार्टमेंट की ओर से कभी-कभी चेकिंग अभियान चला कर कई ऑटो वालों पर फाइन चार्ज किया जाता है। ट्रैफिक डीएसपी राकेश मोहन सिन्हा का कहना है कि कई बार चेकिंग के दौरान कई ऐसे ऑटो पकड़े जाते हैं जिनके पास या तो परमिट या फिर टैक्स टोकन नहीं होता। फिलहाल परमिट नहीं होने पर 5,000 रुपए फाइन चार्ज करने का प्राविधान है।

मैं तो ऑटो में चलना ही प्रिफर नहीं करता। पहली बात तो ऑटो में इतना ठूंस-ठूंस कर पैसेंजर्स भरते हैं कि दम घुटने लगता है और दूसरे जगह-जगह पर रोक देते ऑटो रोक देते हैं।
संजय, साकची

ऑटो में जर्नी करना सर खपाने जैसा है। ऑटो में तेज वॉल्यूम में ऐसे-ऐसे भद्दे गाने बजाते रहते हैं कि सर दर्द होने लगता है। खासकर गल्र्स के लिए तो बिल्कुल भी सही नहीं है।
जे पी पोदार, बिष्टूपुर

चेकिंग के दौरान कई ऐसे ऑटो पकड़े जाते हैं, जिनके पास परमिट या फिर टैक्स टोकन नहीं होता। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को इस बात का ब्यौरा रखना चाहिए कि कितने लोगों को परमिट एलॉट किया गया।
-आरएम सिन्हा, डीएसपी ट्रैफिक, जमशेदपुर