-एक साल में तीन गुना हो गया बैंकों का एनपीए

-गोरखपुर के बैंकर्स की बढ़ने लगी मुश्किल

-हर साल बढ़ रहा है बैंकों का एनपीए

एनपीए की संख्या काफी बढ़ गई
Gorakhpur@inext.co.in
GORAKHPUR: गोरखपुर के बैंकों का नॉन परफार्मिग एसेट्स 'एनपीए' लगातार बढ़ रहा है। इससे बैंकरों की पेशानी पर चिंता की लकीरें साफ दिख रही है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में एनपीए में तीन गुना तक वृद्धि दर्ज की गई। इससे जहां आला अधिकारी चिंतित हैं। वहीं, नए वित्तीय वर्ष में इसे कम करने के लिए योजनाएं बना रहे हैं। 2016-17 में इलाहाबाद बैंक के 3630 खातों का एनपीए अमाउंट 64.79 करोड़ था, वहीं 2017-18यह 5762 खातों में बढ़कर 126.71 करोड़ हो गया। पिछले साल की अपेक्षा इस बार एनपीए की संख्या काफी बढ़ गई है।

पूर्वाचल बैंक में सबसे ज्यादा
पूर्वाचल का एनपीए वर्ष 2016-17 में 6.96 प्रतिशत था। वह अब बढ़कर 18 प्रतिशत हो गया है। वर्ष 2017-18 में पूर्वाचल बैंक का एनपीए 108.66 करोड़ दर्ज किया गया। वहीं इलाहाबाद बैंक का एनपीए पिछले वित्तीय वर्ष में 64.79 करोड़ था, वह इस वर्ष बढ़कर 126.71 करोड़ हो गया। इलाहाबाद बैंक के एनपीए खातों की संख्या भी 3630 से बढ़कर 5782 हो गई।

डाटा देने में कर रहे आनाकानी
लीड बैंक मैनेजर ने पिछले साल के एनपीए की जानकारी के लिए करीब एक माह पहले सभी बैंकों को पत्र लिखा था। पत्र के जवाब में केवल 5 बैंकों ने ही डाटा दिया। अधिकारियों के अनुसार, बैंक डाटा देने में आनाकानी कर रहे हैं। सभी बैंकों को रिमाइंडर भी भेजा जा चुका है। लेकिन बैंक के अधिकारी तत्परता से जवाब देने के बजाए टाल रहे हैं।

30 बैंकों से मांगा डाटा
गोरखपुर में 20 राष्ट्रीयकृत, 8 प्राइवेट, एक ग्रामीण बैंक और एक जिला सहकारी बैंक सहित कुल 30 बैंक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। एनपीए का डाटा सभी से मांगा गया था लेकिन एक माह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी लीड बैंक को डाटा प्राप्त नहीं हो सका है। अभी तक केवल पूर्वाचल बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, ओरिंयटल बैंक ऑफ कॉमर्स, आईडीबीआई बैंक व इलाहाबाद बैंक के एनपीए हुए खातों की जानकारी प्राप्त हो सकी है।

पिछले साल के आंकड़ें

बैंक खाता अमाउंट करोड़ में

पूर्वाचल 5206 108.66

पीएनबी - 146.76

इलाहाबाद 5762 126.71

यूनियन बैंक 5250 132.80

ओरियंटल 264 55.04

जिला सहकारी बैंक 82

आईडीबीआई 213 0.21

 

बैंक का एनपीए कम करने के लिए लगातार नई योजनाएं तैयार की जा रही हैं। डोर-टू-डोर कैंपेन भी चल रहा है। हम इस साल बैंक का एनपीए 9 प्रतिशत पर ले आएंगे।

संजय श्रीवास्तव, डीजीएम पूर्वाचल बैंक

बैंक का एनपीए बढ़ना चिंता का विषय तो है ही। हमने पहली तिमाही में 8 करोड़ की वसूली का लक्ष्य रखा है जिसे जरूर पूरा कर लिया जाएगा।

राकेश अरोड़ा, डीजीएएम, पंजाब नेशनल बैंक

क्या है एनपीए
जब कोई देनदार अपने बैंक को ईएमआई देने में नाकाम रहता है, तब उसका लोन अकाउंट नॉन-परफॉमिंज्ग एसेट (एनपीए) कहलाता है। नियमों के हिसाब से जब किसी लोन की ईएमआई, प्रिंसिपल या इंटरेस्ट ड्यू डेट के 90 दिन के भीतर नहीं आती है तो उसे एनपीए में डाल दिया जाता है। इसे ऐसे भी लिया जा सकता है कि जब किसी लोन से बैंक को रिटनज् मिलना बंद हो जाता है तब वह उसके लिए एनपीए या बैड लोन हो जाता है।

क्या है कारण

बैंक की लोन देने की प्रक्त्रिया में खामी होना

कोई बैंकिंग आपदा

जिस बिजनेस या कंपनी के लोन लिया है उसका दिवालिया हो जाना

अर्थव्यवस्था पर पड़ता है असर

अगर एनपीए बढ़ जाता है तो इस से देश की अथज्व्यवस्था पर खराब असर पड़ता है।

बैंक के शेयर होल्डसज् को भी इस से नुकसान होता है।

इस का प्रभाव बैंक्स के मुनाफे पर भी पड़ता है।