-बेसिक शिक्षा विभाग ने कराया था आउट ऑफ स्कूल बच्चों का सर्वे

-रिपोर्ट के बाद हरकत में आया विभाग

-बच्चों का कराया स्कूल्स में एडमिशन

BAREILLY

रोजी-रोटी की तलाश में बिखरते बचपन के जीवन में बेसिक शिक्षा विभाग ने 'दीपक की लौ' प्रस्फुटित की है, जिनसे डिस्ट्रिक्ट के सैकड़ों बच्चों पढ़ाई-लिखाई की मुख्य धारा से जोड़ा जा सका है। लिहाजा, मजदूरी में लगे ये हाथ कलम के सिपाही बन गए हैं।

परिषदीय स्कूल्स में कराया एडमिशन

बेसिक शिक्षा विभाग ने हाल में आउट ऑफ स्कूल सर्वे कराया। यह सर्वे बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षा से दूर की जानकारी करने के लिए करवाता है। सर्वे के बाद विभाग को जब रिपोर्ट सौंपी गई, तो उसके खुलासे से अधिकारियों के होश उड़ गए। सर्वे से पता चला कि 665 बच्चे ऐसे हैं, जो स्कूल नहीं जाते हैं। वह शिक्षा के अधिकार से वंचित थे। यह नौनिहाल किसी दुकान, होटल या कोठी में काम कर अपना और परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। रिपोर्ट आने के बाद अधिकारियों ने बच्चों के अभिभावकों से संपर्क किया। उन्हें शिक्षित होने के फायदे गिनाए। साथ ही, सरकार द्वारा चलाई जा रहीं योजना पर प्रकाश डाला। इसके अलावा इन बच्चों का परिषदीय स्कूल्स में दाखिला कराया।

वर्जन

सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद इन बच्चों और उनके अभिभावकों को प्रेरित किया गया। साथ ही स्कूल में प्रवेश कराया गया, ताकि पढ़-लिखकर काबिल बन सकें।

आरबी माथुर, जिला समन्वयक सर्व शिक्षा अभियान