इनमें से चार भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी इन्फ़ोसिस के हैं।

इस सूची में जिस भारतीय का नाम सबसे पहले है, वो केरल में जन्मे उद्योगपति सनी वर्की हैं, जिन्होंने जून के महीने में अपने 2.25 अरब डॉलर का आधा हिस्सा दान में देने की घोषणा की थी।

वर्की दुबई स्थित जीईएमएस कंपनी के संस्थापक हैं। कंपनी 14 देशों में 70 निजी स्कूल चलाती है।

इन्फ़ोसिस से सह संस्थापक

इसके बाद इस सूची में आईटी कंपनी इन्फ़ोसिस के चार सह संस्थापकों को शामिल किया गया है।

सात सबसे ज़्यादा 'दानवीर' भारतीय

इनमें सेनापथे गोपालकृष्णन, नंदन नीलेकणी और एसडी शिबूलाल के नाम हैं। उऩ्हें स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए शामिल किया गया है।

इन्फ़ोसिस के एक और सह-संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति के बेटे रोहन का नाम हार्वर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस को 52 लाख डॉलर देने के लिए शामिल किया गया है। रोहन ने ये रकम प्राचीन भारतीय साहित्यिक कृतियों को बढ़ावा देने के लिए मुहैया कराई है।

इस सूची में लंदन के उद्योगपति भाई- सुरेश रामकृष्णन और महेश रामकृष्णन के नाम भी शामिल हैं।

इन दोनों भाईयों ने भारत भर में 4,000 से अधिक लोगों को सिलाई का प्रशिक्षण देने के लिए तीस लाख अमरीकी डालर का दान दिया।

इन लाभार्थियों में 2004 की सुनामी पीड़ित और समाज में दर किनार कर दी गई महिलाएं शामिल हैं।

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