RANCHI : कांके के बोड़ेया-अरसंडे में एक ही परिवार के सात लोगों की सामूहिक मौत ने पूरे शहर को झकझोर दिया है। इस घटना ने दिल्ली के बुराड़ी और हजारीबाग के माहेश्वरी परिवार आत्महत्या मामले की याद दिला दी। दरअसल, पवित्र सावन मास की पहली सोमवारी को लेकर कांके के विभिन्न मंदिरों में भी भोले बाबा के जलाभिषेक कर श्रद्धालु सुख-शांति व समृद्धि की कामना कर ही रहे थे कि दीपक झा के परिवार से सात लोगों की मौत की खबर मिलते ही हर कोई दहल गया। उन्हें तनिक भी अहसास तक नहीं था कि कांके की शीतल वादियों की रात को एक परिवार मौत को अपनी आगोश में ले चुका है।

सुबह : 8 बजे

पहुंची स्कूल वैन, नहीं निकले बच्चे

सुबह के करीब 8 बजे हैं। दीपक झा की बेटी दृष्टि जिसकी उम्र करीब 7 वर्ष है, उसे स्कूल ले जाने के लिए वैन आती है। कई बार ड्राईवर हॉर्न बजाता है, परंतु दृष्टि अपने घर से बाहर नहीं निकलती। स्कूल वैन की हॉर्न की आवाज सुन पड़ोस में रहने वाला 9 वर्षीय सुरेश पांडेय दृष्टि के घर जाता है, लेकिन तुरंत लौट कर अपनी मां उषा पांडेय को बताता है कि दृष्टि रस्सी में लटकी हुई है। पड़ोस में रहने वाले लोग भी इस बात को सुनकर सन्न रह गए। जैसे ही पड़ोसियों ने दीपक झा के कमरे में झांका तो सबकी आंखे फटी की फटी रह गई।

सुबह : 9 बजे

पुलिस, मीडिया और पहुंच रहे लोग

करीब 9 बजे तक सामुहिक मौत वाली बात पूरे कांके इलाके में फैल चुकी है। मकान मालिक अलख नारायण मिश्रा भी शिवालय से जलाभिषेक कर वापस लौट चुके हैं। मीडिया का जमावड़ा लगने लगा है। पुलिस के आलाधिकारी भी घटना स्थल पर आ पहुंच चुके हैं। पूरे मामले की छानबीन चल रही है।

दोपहर-12 बजे

घर से निकाला गया शवों को

दोपहर 12 बजे के करीब तमाम प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद लाशों को घर से बाहर निकाला जाता है। एक-एक कर सभी शवों को एंबुलेस के मार्फत पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेजा जा रहा है।

दोपहर : 2 बजे

कमरे कर दिए गए सील

दोपहर के करीब दो बजे हैं। सभी शवों को रिम्स भेजा जा चुका है। इसके उपरांत घर के उन दोनों कमरों को पुलिस सील कर देती है, जहां से शव बरामद किए गए थे।

दोपहर : 3 बजे

डीआईजी का प्रेस कांफ्रेंस

डीआईजी एवी होमकर अपने दल-बल के साथ मौके पर मौजूद हैं। इस घटना को लेकर अबतक की जांच की जानकारी वे प्रेस कांफ्रेंस के जरिए दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि दीपक झा परिवार के सामूहिक मौत मामले के पीछे आर्थिक तंगी वजह रही है।

शाम : 4 बजे

जांच के लिए पहुंचे मजिस्ट्रेट

करीब चार बजे सदर मजिस्ट्रेट घटनास्थल पर पहुंचते हैं। लेकिन वीडियो ग्राफर के नहीं होने की वजह से जांच में विलंब हो रहा है। करीब 4.30 बजे वीडियो ग्राफर के आने के बाद मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में टीम मृतक के कमरों की तलाशी के लिए अन्दर प्रवेश करती है। थोड़ी देर बाद एक अधिकारी अंदर से निकलकर आते हैं और मृतकों के फोटो को मीडिया से शेयर करते हैं।