यूपी बोर्ड की 10वीं व 12वीं की परीक्षा से पहले पकड़े गए मुन्नाभाई
प्राइवेट फॉर्म्स में मिली गड़बड़ी, क्षेत्रीय कार्यालय ने रद किए फार्म
इतने अभ्यर्थी अयोग्य
17 जिले
12वीं के छात्र
करीब 4000
10वीं के
करीब 3000
6 फरवरी 2019 से शुरू हो रही यूपी बोर्ड की परीक्षा
10वीं और 12वीं की प्राइवेट परीक्षा के लिए 29 हजार स्टूडेंट्स ने किया आवेदन
5000 रेगुलर स्टूडेंट्स के आवेदन फर्जी मिलने के बाद रद हुए थे सत्र 2017-18 मेरठ से
18 हजार तकरीबन स्टूडेंट्स के आवेदन रद किए गए थे मंडल में
Meerut। यूपी बोर्ड की परीक्षा 6 फरवरी 2019 से शुरू हो रही है लेकिन परीक्षा से पहले ही मेरठ मंडल के करीब 7 हजार स्टूडेंट्स फेल हो गए हैं। प्राइवेट परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले इन स्टूडेंट्स के फॉर्म्स में बड़ा फर्जीवाड़ा पाया गया है। ऑनलाइन वेरीफिकेशन में डाक्यूमेंट्स वेरीफाई न होने के बाद क्षेत्रीय कार्यालय ने इन्हें परीक्षा देने से वंचित करते हुए इनके फॉर्म्स रद कर दिए हैं। गौरतलब है कि मेरठ मंडल में 17 जिले शामिल हैं।
ये है मामला
माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से करवाई जाने वाली 10वीं और 12वीं की परीक्षा में हर साल अभ्यर्थी प्राइवेट फॉर्म्स भरते हैं। इनमें कुछ स्टूडेंट्स ऐसे होते हैं, जिनके पास पूरे डाक्यूमेंट्स नहीं होते और ये नकल माफिया का सहारा लेकर फर्जी डाक्यूमेंट्स बनवाकर परीक्षा दे देते हैं। इस बार भी 17 जिलों से 12वीं के करीब 4000 और 10वीं के करीब 3000 प्राइवेट स्टूडेंट्स ऐसे ही पाए गए हैं। जो परीक्षा देने के लिए एलिजिबिल ही नहीं हैं, लेकिन दूसरे राज्य और बोर्ड के नकली सर्टिफिकेट बनवाकर परीक्षा के लिए अप्लाई किया है।
ऐसे हुए खुलासा
परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले फर्जी स्टूडेंट्स का खुलासा क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय की ओर से किया गया है। रेगुलर और प्राइवेट स्टूडेंटस के अनुक्रमांक नंबर व रिकॉर्ड्स ऑनलाइन चेक किए गए। जिसके बाद 10वीं के लिए आवेदन करने वालों के आठवीं और नौंवी के प्रमाण पत्र जबकि 12वीं की परीक्षा देने वालो के 10वीं की मार्कशीट और 11वीं का रजिस्ट्रेशन नंबर चेक किया गया। यही नहीं विभाग ने आवेदन करने वाले एक एक स्टूडेंट के डॉक्युमेंट्स मैन्युअली भी चेक किए। इस सबके बाद लगभग 7000 स्टूडेंट्स के डाक्यूमेंट्स फर्जी पाए गए।
मेरठ का आंकड़ा सबसे कम
मेरठ मंडल के अंतर्गत 17 जिले जिनमें मेरठ समेत शामली, बागपत, बड़ौत, मथुरा, आगरा, अलीगढ़, सहारनपुर, बुलंदशहर, हापुड़, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, मैनपुरी, एटा, फिरोजपुर, कासगंज, हाथरस, मुजफ्फरनगर आते हैं। बोर्ड की प्राइवेट परीक्षा के लिए इस बार 10वीं और 12वीं के मिलाकर लगभग 29 हजार स्टूडेंट्स ने आवेदन किया था। जिसमें लगभग 7 हजार स्टूडेंट्स फर्जी पाए गए हैं। वहीं सबसे ज्यादा फर्जी आवेदन अलीगढ़ और आगरा से मिले हैं वही मेरठ में फर्जी आवेदन की संख्या सबसे कम है। अधिकारियों के मुताबिक पिछले साल मेरठ में हुई सख्ती इसकी बड़ी वजह हैं। विभाग ने सत्र 2017-18 में सिर्फ मेरठ से ही करीब 5000 रेगुलर स्टूडेंट्स के आवेदन फर्जी मिलने के बाद रद कर दिए थे। जबकि पूरे मंडल में आवेदन रद करने का आंकड़ा करीब 18 हजार था।
इस बार हमारी नजर प्राइवेट आवेदनों पर थी। करीब 7000 आवेदन रद किए गए हैं। पिछले साल नकल माफियाओं का करीब 100 करोड़ का नुकसान पूरे प्रदेशभर में हुआ था, जिसके बाद इस साल फर्जी आवेदन में थोड़ी कमी आई हैं।
सहस्त्रांशु सिंह राणा, सचिव, क्षेत्रीय बोर्ड, मेरठ मंडल