कोलकाता में निजी अस्पताल में आग लगने से मरने वाले लोगों की संख्या 70 तक पहुंची। दमकल सूत्रों ने बताया कि इमारत के आईसीयू और आईसीसीयू में काफी मरीज फंसे हैं। कई मरीजों को ट्रालियों और प्लेटफार्म सीढिय़ों के जरिए सुरक्षित इमारत से निकाला गया। इमारत से जैसे जैसे मरीजों को निकाला जा रहा था, बाहर मौजूद लोग अपने मरीज की तलाश में उसकी तरफ दौड़ पड़ते थे।

 पश्चिम बंगाल के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने बताया कि स्थानीय लोगों ने तडक़े करीब साढ़े तीन बजे आग देखी और वे अस्पताल पहुंचे लेकिन उन्हें निजी सुरक्षा कर्मियों ने भगा दिया.  उन्होंने कहा कि मार्ग के संकरा होने के कारण दमकल गाडिय़ों को अस्पताल परिसर में पहुंचने में परेशानी का सामना करना पड़ा।

 एएमआरआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एस उपाध्याय ने कहा कि जब आग लगी उस समय अस्पताल के 190 बिस्तरों पर 160 मरीजे थे। उनमें से ‘80 से 85’ प्रतिशत को दमकल विभाग और स्थानीय लोगों ने बचा लिया है।

 पुलिस सूत्रों ने कहा कि अस्पताल से 36 शव बरामद किए गए हैं और उन्हें पोस्टमार्टम के लिए एसएसकेएम अस्पताल ले जाया गया है।

 मौके पर पहुंची मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घायलों के इलाज के लिए एसएसकेएम अस्पताल को तत्काल आपातकालीन इकाई खोलने के निर्देश दिए हैं। उन्हें हादसे का शिकार लोगों के परिजनों को सांत्वना देते हुए भी देखा गया.Kolkata fire

 जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा कि मरीजों की मौत के लिए राज्य सरकार एएमआरआई समूह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी.  राज्य सरकार ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। हकीम ने कहा कि 25 दमकल गाडिय़ों के साथ 250 दमकलकर्मी आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं।

अग्निशमन सूत्रों ने बताया कि माना जा रहा है कि आग पूर्ण वातानुकूलित इमारत के भूतल में स्थित विद्युत केंद्र से शुरू हुई और तेजी से फैल गई। तीसरी और इससे उपर की मंजिलें सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं।

 अग्निशमन सेवा मंत्री जावेद खान ने बताया कि आग उच्च ज्वलनशील सामग्री के भंडार की वजह से फैल गई और इस पर अब तक काबू नहीं पाया जा सका है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में भी आग से निपटने के उपयुक्त उपकरण नहीं थे।

 बनर्जी ने एसएसकेएम के अधिकारियों को एएमआरआई अस्पताल से लाए जा रहे शवों के पोस्टमार्टम के इंतजाम के निर्देश भी दिए।

 बनर्जी स्वास्थ्य मंत्री भी हैं।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि मरीजों ने उनसे अस्पताल में आग पर काबू पाने के इंतजामों में कमी की शिकायत की है। उन्होंने परिजनों से एसएसकेएम अस्पताल जाकर शवों की पहचान में मदद की गुजारिश भी की.  उपाध्याय ने मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपए का मुआवजा देने जबकि घायलों का अस्पताल में मुफ्त इलाज किए जाने घोषणा की है।

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