-जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3बी में में मिला भारी अंतर

-जीएसटी काउंसिल ने सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट को दिया जांच का आदेश

ALLAHABAD: एक जुलाई से जीएसटी लागू होने के बाद हर महीने जीएसटीआर-3बी जमा करने के बाद निश्चिंत व्यापारियों के लिए बुरी खबर है। क्योंकि जीएसटी काउंसिल के आदेश पर सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट ने जीएसटीआर-3बी जमा करने वाले व्यापारियों की भी जांच करने की तैयारी कर ली है। जीएसटी काउंसिल ने जांच का आदेश इसलिए दिया है, क्योंकि जीएसटीआर-3 बी जमा करने वाले करीब 70 प्रतिशत व्यापारियों के जीएसटीआर-3बी और जीएसटीआर-1 में भारी अंतर मिला है।

बैठक में मिलीं कमियां

पिछले दिनों व्यापारियों की समस्याओं के समाधान के साथ ही जीएसटी की समीक्षा के लिए जीएसटी काउंसिल की बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें समीक्षा के दौरान कई कमियां सामने आई। काउंसिल को बताया कि गया कि पूरे देश में अब तक करीब 3.85 लाख ऐसे व्यापारी चिह्नित किए गए हैं, जिन्होंने अब तक रिटर्न ही दाखिल नहीं किया है। ऐसे व्यापारी भी सरकार के निशाने पर हैं। इनके खिलाफ जांच के साथ ही सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। जीएसटी काउंसिल ने केंद्र और राज्यों के टैक्स अधिकारियों को रिटर्न नहीं भरने वाले व्यापारियों की सूची सौंपी है। इस सूची में इलाहाबाद के भी सैकड़ों व्यापारियों का नाम है, जिन्होंने अब तक टैक्स ही जमा नहीं किया है।

वर्जन-

जीएसटी लागू होने के बाद जिन व्यापारियों ने अब तक टैक्स जमा नहीं किया है, उनकी जांच का आदेश मिल गया है। टीम लगा कर जांच कराई जा रही है। पूर्व में ऐसे कई व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। जीएसटीआर-3बी और जीएसटीआर-1 में अंतर मिलने वाले व्यापारियों के फर्म की भी जांच होगी।

-राम प्रसाद

असिस्टेंट कमिश्नर ग्रेड-2

सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट

कॉलिंग

जिन व्यापारियों के जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3 बी में अंतर मिला है, उन व्यापारियों को संशोधन का मौका दिया जाना चाहिए। क्योंकि जीएसटी लागू होने के बाद अभी व्यापारी सीखने की प्रक्रिया में हैं। इसलिए व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया बिल्कुल गलत है। सरकार को अभी करीब एक वर्ष तक व्यापारियों के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाना चाहिए।

संतोष पनामा

संयोजक

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति